सागर बीएमसी में प्रसूता की मौत मामले में प्रदर्शन:न्याय की मांग को लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे लोग, जमीन पर बैठकर गाया भजन

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सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान हुई प्रसूता की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है। परिवार वाले लगातार बीएमसी के डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही और मेडिकल छात्रों द्वारा परिजन से मारपीट करने का आरोप लगा रहे हैं। जिसमें कार्रवाई की मांग को लेकर लगातार पुलिस और प्रशासन को ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं। इसी के चलते गुरुवार को सर्वसमाज के लोग खेल परिसर मैदान के सामने जमा हुए। जहां से रैली के रूप में एसपी कार्यालय पहुंचे। रैली में पुलिस और बीएमसी प्रबंधन के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की। एसपी कार्यालय पहुंचकर लोगों ने मृतक प्रसूता सुमन पटेल को न्याय दिलाने की मांग की। लेकिन कार्यालय में एसपी विकास शहवाल नहीं थे। जिस पर लोग एसपी को बुलाने की बात को लेकर अड़ गए। वे जमीन पर बैठ गए और बोले-एक घंटे में एसपी को बुलाओ, उन्हीं से बात करेंगे। जिसके बाद लोगों ने जमीन पर बैठकर रघुपति राघव राजाराम पतित पावन सीताराम…भजन गाया। मामले की सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी लोकेश सिंहा मौके पर पहुंचे। लोगों को समझाइश दी और उनकी मांगें सुनी। इस दौरान मृतक प्रसूता के परिजन और अन्य लोगों ने कहा कि प्रसूता सुमन पति अमित पटेल को बीएमसी में भर्ती कराया गया था। जहां उसने बच्ची को जन्म दिया। जिसके बाद इलाज में लापरवाही के कारण 26 सितंबर को सुमन की मौत हो गई। बीएमसी प्रबंधन ने मौत को छिपाया। शव वेंटीलेटर पर रख दिया। दूसरे दिन परिजन को बगैर बताए प्रसूता का शव पोस्टमार्टम रूम में रखवा दिया गया। इसके अलावा बीएमसी में मौजूद परिवार वालों के साथ मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंटों ने मारपीट की है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉ. शीला जैन के इलाज में लापरवाही के कारण प्रसूता की मौत हुई है। वहीं मेडिकल के छात्रों ने परिजन से मारपीट की है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई का दिया आश्वासन
एडिशनल एसपी सिंहा ने कहा कि मामले में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। परिवार वालों के बयान लिए जाएंगे। साथ ही उन्होंने परिवार वालों और अन्य लोगों से घटनाक्रम के संबंध में जो साक्ष्य उपलब्ध हैं उन्हें पुलिस को देने की बात कही है। समझाइश के बाद परिवार के लोग माने और मांग पत्र सौंपकर चले गए।