जबलपुर में वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने बंदर और बगुले का रेस्क्यू किया। बंदर को जहां बिजली का करंट लगने से वह गंभीर रुप से घायल हो गया था, जबकि बगुले के पैर में धागा फंस जाने के कारण वह जमीन पर गिर गया था। दोनों को ही वन्य प्राणी विशेषज्ञ और वन विभाग की टीम ने इलाज के लिए वेटनरी कॉलेज ले गए। वन्य प्राणी विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे ने वन विभाग एस्कॉर्ट प्रभारी गुलाब सिंह परिहार के साथ घायल बगुले का वेटरनरी कॉलेज में इलाज करवाने के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया। जबकि बंदर का इलाज जारी है। गुरुवार को गढ़ा के छोटी बजरिया में रहने वाले लोगों ने देखा कि एक बंदर बिजली के ट्रांसफार्मर में चिपक गया है, और तड़प रहा है, घायल बंदर को कुछ लोगों ने पकड़ने की कोशिश की पर वह गुस्से में था, लिहाजा स्थानीय निवासी आलोक दुबे ने वन्य प्राणी विशेषज्ञ गजेन्द्र दुबे को सूचना दी जिसके बाद मौके पर पहुंचे गजेन्द्र दुबे ने घायल बंदर को पकड़ा और इलाज के लिए वेटरनरी कॉलेज ले गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह बिजली के ट्रांसफार्मर के पास यह बंदर उछल कूद कर रहा था, उसी दौरान अचानक ही करंट की चपेट में आ गया और फिर दूर जा गिया। बंदर के दाहिना हाथ और कमर गंभीर रूप से चोट आई थी, इस बीच दो तीन श्वान भी वहां पहुंच गए और दर्द से कराह रहे बेबस बंदर को नोचने लगे, तभी आलोक दुबे और अधिवक्ता अरविंद दुबे चंद्रशेखर खंपरिया ने उन्हें वहां से भगाया और बंदर को मुक्त कराया। वन्य प्राणी विशेषज्ञ गजेन्द्र दुबे को सूचना दी जिन्होंने रेस्क्यू करते हुए बंदर को अभिरक्षा में लेकर वन विभाग रेस्क्यू स्क्वाड सदस्य वनपाल अजय तिवारी के सुपुर्द कर दिया। इसी तरह गंगानगर में कुछ लोगों ने एक पक्षी को पड़े हुए देखा, लोगों ने समझा की यह गिद्ध है, जिसके बाद लोगों ने उसे पेड़ के नीचे बैठा दिया। दरअसल संजीवनी नगर गंगानगर चंदन कालोनी निवासी अजय साहू ने पार्षद मनीष पटेल को सूचना दी कि उनके सामने खाली प्लाट में एक गिद्ध बैठा है, जो कि घायल हो गया है। मनीष पटेल ने तत्काल सर्प एवं वन्य प्राणी विशेषज्ञ गजेन्द्र दुबे तत्काल वन विभाग रेस्क्यू स्क्वाड प्रभारी गुलाब सिंह परिहार को सूचना दी और शीघ्र ही घटनास्थल पर पहुंचे और देखा कि घायल पक्षी गिद्ध नहीं बल्कि बगुला पक्षी है। एवं पक्षी का रेस्क्यू करते हुए उसे पकड़ लिया और देखा कि पक्षी के बांये (लेफ्ट) पंख में पतंग के धागे से कट गया था और खून बह रहा था। तब तक वन विभाग रेस्क्यू स्क्वाड प्रभारी गुलाब सिंह परिहार भी पहुंच गए श्री दुबे ने उक्त पक्षी को उपचार हेतु सौंप दिया