गांधी सागर जलाशय में हजारों मछलियाें की मौत:ग्रामीणों पर मंडरा रहा बीमारियों का खतरा; कलेक्टर बोलीं- मामले से प्रदूषण बोर्ड को अवगत कराया

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मंदसौर जिले में गरोठ के पास चंबल नदी पर बने गांधी सागर जलाशय में इन दिनों हजारों की मछलियाें की मौत हो रही है। मछलियों की मौत के बाद सड़न के चलते भयंकर बदबू से ग्रामीण बीमार हो रहे है। लोगों ने पानी में केमिकल के मिलने की आशंका जताते हुए महामारी फैलने की आशंका जताई है। वहीं कलेक्टर ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है। बता दें कि गरोठ तहसील में चंबल नदी के पास स्थित बंजारी, डिडोर, रामनगर, बरामा सहित खड़ावदा मजरा टोला क्षेत्र में बीते 10 दिनों से लगातार मछलियाें की मौत हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि मछलियों की मौत का कारण का अभी तक नहीं चल पाया है, लेकिन चंबल नदी में लगातार पानी कम होने के चलते मछलियाें की मौत हो रही है। ग्रामीणों पर मंडरा रहा बीमारियों का खतरा इससे आ रही बदबू के कारण ग्रामीणों को बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। चंबल नदी से सटे खेतों में लोग बदबू के बीच काम करने को मजबूर है। गांव बंजारी के गोपाल मेघवाल ने बताया कि गांधी सागर जलाशय से पीने के पानी के लिए कई सप्लाई पॉइंट बनाए गए है। जिससे गरोठ, भानपुरा, भैसोदा सहित कई गांवों में पानी सप्लाई हो रहा है। उन्होंने बताया कि यदि केमिकल से कोई बीमारी फैलती है, तो बड़ी समस्या हो सकती है। उन्होंने बताया कि गांधी सागर के बदबूदार केमिकल से लाखों मछलियां मर गई है। जिनकी बदबू से गांव वाले बुरी तरह से प्रभावित है। ग्रामीणों को इससे बड़ी महामारी फैलने का डर सता रहा है। 3 किमी दूर से पानी ला रहे ग्रामीण डीडोर गांव के ईश्वर सिंह ने बताया कि नदी का पानी खराब होने से 3 किलोमीटर दूर से पानी ला रहे हैं। गांव में इसके चलते करीब 10 लोग बीमार हुए हैं। मछलियाें की मौत से आ रही बदबू से गांव वाले परेशान हैं। इसके बावजूद काेई जनप्रतिनिधि या अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। मत्स्य विभाग के अधिकारी बोले- पेस्टिसाइड्स और केमिकल से हो रही मौत मामले में मत्स्य विभाग के सहायक संचालक एसके महाजन ने बताया कि पानी के अंदर पेस्टिसाइड्स और केमिकल के चलते अधिकतर छोटी मछलियों की मौत हुई है। क्योंकि छोटी मछलियां ज्यादा सर्वाइव नहीं कर पाती हैं। केमिकल की परत जमने के कारण ऑक्सीजन नहीं मिलने से उनकी मौत हुई है। पीने के पानी के सैंपल ले रहा पीएचई विभाग वहीं पीएचई विभाग के एसडीओ प्रशांत सोनी ने बताया वह लगातार अपनी टीम के साथ जलाशय के नजदीक गांवों से पीने के पानी का सैंपल ले रहे हैं। जो पानी पीने योग्य पानी नहीं है, उसके लिए गांव में लोगों को सावधानी बरतने की अपील कर रहे है। हैंडपंप और कुएं के पास सूचना चस्पा कर रहे है। 10 दिनों से लगातार पानी की सैंपलिंग की जा रही हैं। उच्च अधिकारियों को केमिकल के बारे में बताया गया है। केमिकल की जांच होने पर ही पता चलेगा कि यह कौन सा केमिकल है, उसके बाद प्रदूषण बोर्ड को लिखा जाएगा। कलेक्टर बोलीं- मामले से प्रदूषण बोर्ड को अवगत कराया मंदसौर कलेक्टर डाॅ.आदिती गर्ग ने बताया कि समस्या गंभीर है। जलाशय में केमिकल कहां से आ रहा है और प्रदूषण क्यों हो रहा है इस पर प्रदूषण बोर्ड को अवगत कराया गया है। किस केमिकल फैक्ट्री से यह रिसाव हो रहा है, इसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। विधायक ने अधिकारियाें को दिए कार्रवाई के निर्देश गरोठ विधायक चंदर सिंह सिसोदिया ने बताया कि मामले को मंदसौर कलेक्टर और गरोठ एसडीएम को कार्रवाई के लिए अवगत कराया गया है। समस्या गंभीर हैं, इसके लिए किस फैक्ट्री से या केमिकल आ रहा है उसे पर शीघ्र कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। गरोठ नगर परिषद अध्यक्ष राजेश सेठिया ने नपा अधिकारियों की तत्काल मीटिंग बुलाकर जल वितरण व्यवस्था को लेकर सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।