जिले में पुलिस की मोटी एंट्री ने रेत के दाम महंगे कर रखे हैं, स्थिति यह है कि किसी पुलिस थाने में तीन हजार तो किसी में 5 हजार रुपए महीने प्रति ट्रैक्टर ट्रॉली के हिसाब से एंट्री ली जाती है। इस वजह से रेत माफिया के लोग महंगे दामों पर रेत बेच रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि, बीते गुरुवार को ट्रैफिक थाना टीआई और हेड कॉन्स्टेबल के रेत के ट्रैक्टर ट्रॉलियों को खुलेआम चंबल और पार्वती नदियों के रेत का अवैध परिवहन कराने के एवज में ली गई रिश्वत का वीडियो यह सच्चाई बयां कर रहा है। जो रेत डेढ़ से दो हजार में मिलती थी, एंट्री के कारण 8-8 हजार रुपए में मिल रही श्योपुर जिले में जिन नदियों से रेत का अवैध उत्खनन होता है। वह जिला मुख्यालय से 20-22 किलोमीटर की दूरी पर हैं। इस वजह से ट्रैक्टर-ट्रॉली को नदी से श्योपुर लाने-ले जाने में रेत माफिया के लोगों को मुश्किल से 500-600 रुपए के डीजल का खर्चा आता है। रेत भराई का काम करने वाले मजदूर 300 रुपए में ट्रॉली को भर देते हैं और प्रेशर से ट्रॉली बिना किसी खर्चे के आसानी से खाली हो जाती है। ड्राइवर का खर्चा जोड़कर प्रति चक्कर पर एक ट्रैक्टर ट्रॉली को मुश्किल से एक हजार रुपए का खर्चा आता है। रेत माफिया अगर दो हजार रुपए में एक ट्रॉली रेत बेचें तब भी उन्हें एक हजार रुपए की बचत होगी। लेकिन, पुलिस थानों की तीन हजार से पांच हजार रुपए तक की एंट्री के बिना रेत माफिया रेत का अवैध कारोबार नहीं कर सकते। इस वजह से रेत के दाम आसमान पर हैं, स्थिति यह है कि श्योपुर में रेत 8-8 हजार रुपए प्रति ट्रॉली के हिसाब से बेची जाती है। बजट बिगड़ गया
इस बारे में दलारना गांव निवासी रामरूप आदिवासी का कहना है कि रेत बहुत महंगी है। 7-8 हजार रुपए में फंटे वाली ट्रॉली मिलती है। आवास बनाना मुश्किल हो गया है, पूरा बजट रेत ने बिगड़ गया है। पुलिस करा रही अवैध परिवहन इस बारे में कांग्रेस जिलाध्यक्ष अतुल सिंह चौहान का कहना है कि मैंने भी वह वीडियो देखा है, जिसमें ट्रैफिक टीआई और पुलिसकर्मी रेत के एवज में एंट्री की बात कर रहे हैं। वह साबित कर रहा है कि किस तरह से पुलिस एंट्री लेकर रेत का अवैध परिवहन करा रही है। बिना पुलिस के रेत का तो क्या किसी भी तरह का अवैध कारोबार चल ही नहीं सकता। मैंने कई वीडियो किए वायरल इस बारे में भाजपा नेता रिषि शर्मा का कहना है कि पुलिस की मोटी एंट्री ने ही रेत के दाम बढ़ा रखे हैं। मैंने पिछले दिनों वीडियो वायरल किए थे, जिनमें यही ट्रैफिक पुलिस दूसरे वाहनों को हेलमेट और सीटबेल्ट के नाम पर रोककर उनसे वसूली कर रही थी और रेत के ट्रैक्टरों को रोका तक नहीं जा रहा था, जिसके वीडियो मैंने वायरल किए थे। गलती पर कार्रवाई होगी इस बारे में श्योपुर एसडीओपी राजीव कुमार गुप्ता का कहना है कि वीडियो सामने आने के बाद ट्रैफिक थाना प्रभारी और पुलिसकर्मी को लाइन अटैच कर दिया है, जो गलत करेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।