नर्मदापुरम में शिक्षाविभाग के लाखों रुपए के गबन का मामला:क्लर्क और कंप्यूटर आपरेटर की भूमिका पर संदेह, अबतक नहीं किए नोटिस जारी

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नर्मदापुरम के पिपरिया के बीईओ ऑफिस में स्कालरशिप, एरियर्स राशि गबन मामले में शिक्षा अधिकारी अब तक अधिनस्थ अधिकारियों को नोटिस तक जारी नहीं कर पाए हैं। जबकि पिछले 7 दिनों से पूरा मामला चर्चा में बना हुआ है। कहीं ना कहीं गड़बड़ियों पर पर्दा डालने या मामले से खुद को दूर रखने का प्रयास शिक्षा विभाग कर रहा है। पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस बिसेन ने गड़बड़ी में शामिल बीईओ, कंप्यूटर ऑपरेटर, बाबू से अब तक स्पष्टीकरण नहीं मांगा है। डीईओ का कहना है मामला बीईओ स्तर का है और ट्रेजरी जांच कर रही है। खुद के विभाग में हुई गड़बड़ी पर विभागीय जांच ना करना बड़े सवाल खड़े करता है? दूसरी ओर ट्रेजरी अधिकारी से राशि गबन के संदेह में पत्र मिलने के बाद बीईओ और उनका स्टाफ लेनदेन से संबंधी वेंडर दस्तावेज, केसबुक समेत अन्य दस्तावेज जुटाने में लगा है। लाखों रुपए के गबन के संदेह में जिला ट्रेजरी अधिकारी ने बीईओ पिपरिया और बैंक प्रबंधक को 19 सितंबर को पत्र जारी कर संबंधित खातों का स्टेटमेंट और भुगतान के दस्तावेज मांगे है। मामले में बीईओ कार्यालय के वित्तीय शाखा देखने वाले क्लर्क और कंप्यूटर ऑपरेटर की भूमिका पर संदेह है। जिनके हाथों में ही ये सारा लेनदेन और दस्तावेज तैयार करने का जिम्मा रहता है। फिलहाल ट्रेजरी विभाग की जांच के बाद सारा मामला क्लियर होगा। जांच में लाखों रुपए के गबन का मामला सामने आने की संभावना है। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पिपरिया डीडीओ कोड के द्वारा छात्रों के स्कालरशिप और शिक्षकों एरियर्स की राशि को दूसरों के खातों में भुगतान कराया गया है। इस गड़बड़ी को कोष एवं लेखा विभाग के कोषालयीन सर्वर आईएफएमआईसी IFMIC ने पकड़ा है। आयुक्त कोष एवं लेखा विभाग भोपाल ने नर्मदापुरम जिला कोषालय अधिकारी को पत्र लिख इस मामले की जांच करने के आदेश दिए। जिला कोषालय अधिकारी नितेश कुमार उईके ने स्टेट बैंक के 11 और अन्य बैंकों के कुल 23ग्राहकों के खातों समेत अन्य लेनदेन करने पर रोक लगाई है। भारतीय स्टेट बैंक पिपरिया और संबंधित बैंक के शाखा प्रबंधक को पत्र लिखकर खातों को होल्ड कराया है। साथ ही इन बैंक खातों से हुए लेनदेन का स्टेटमेंट और बीईओ पिपरिया से भुगतान के संबंधित दस्तावेज, केसबुक, वेंडर फाइल मांगी है। जिसकी जांच करने ट्रेजरी विभाग के जिला कार्यालय से टीम पिपरिया जाएगी। डीईओ बोले, मामला बीईओ स्तर का, ट्रेजरी कर रही जांच छात्रों की स्कालरशिप और शिक्षकों के एरियर्स की राशि में लाखों रुपए की गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। जिससे शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है। लेकिन जिले के अधिकारी खुद को मामले से दूर रख रहे है। अबतक वरिष्ठ कार्यालय ने बीईओ पिपरिया को नोटिस तक जारी नहीं किया है। जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस बिसेन का कहना है कि सरकारी लेनदेन का मामला पिपरिया बीईओ कार्यालय से जुड़ा है। बीईओ, संकुल प्राचार्य का डीडीओ कोड होता है। उसी के माध्यम से ट्रेजरी भुगतान करती है। ट्रेजरी ही इसकी जांच कर रही है। तहसील, जनपद और पुलिस विभाग में सामने आ चुके गबन के मामले जिले में सरकारी योजना से जुड़े मामले में रुपए के गबन का मामला पहले भी सामने आ चुका है। पिछले डेढ़ साल में डोलरिया तहसील, जनपद पंचायत सिवनी मालवा और एसपी दफ्तर में वित्तीय कार्य की शाखा देखने वाले क्लर्क ने ही लाखों रुपए का गबन किया। जहां क्लर्क और लेखापाल ने अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के खातों में सरकारी योजनाओं और एरियर्स राशि का भुगतान कराया। इन तीनों ही मामलों में क्लर्क और लेखापाल पर केस दर्ज हुए। जिनके केस कोर्ट में विचाराधीन है।