मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने वन क्षेत्रपाल (रेंजर) को सहायक वनसंरक्षक (ACF) के पद पर पदोन्नति करने के लिए 60 दिन के अंदर विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक बुलाने के निर्देश राज्य शासन को दिए हैं। हाईकोर्ट का यह फैसला 17 सितंबर को आया है। जिसे लेकर स्टेट फॉरेस्ट रेंज आफीसर्स (राजपत्रित) एसोसिएशन मध्य प्रदेश सक्रिय हो गई है। एसोसिएशन ने अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव और प्रशासन-2 शाखा की अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक को ज्ञापन सौंपाकर डीपीसी कराने की मांग की है। मध्य प्रदेश में मई 2016 से पदोन्नति पर रोक है। इस अवधि में डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। इनमें से करीब 1.20 लाख कर्मचारियों की इसी अवधि में पदोन्नति मिलनी थी। राज्य सरकार यह कहकर पदोन्नति को टाल रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण के मामले में यथास्थिति रखने को कहा है। रेंजर इसी मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट गए थे। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में दायर SLP मप्र शासन विरुद्ध आरबी राय एवं अन्य का आश्रय न लेते हुए 60 दिन में विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक बुलाने और पात्रता रखने वाले रेंजरों को पदोन्नत करने को कहा है। एसोसिएशन के संरक्षक अमित सोनी और अध्यक्ष शिशुपाल अहिरवार का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश के पालन में वर्तमान पदोन्नति के लिए रिक्त सहायक वनसंरक्षक (ACF) के पदों के विरुद्ध निर्धारित समय सीमा में DPC आयोजित कर नियमित पदोन्नति दें।