अवैध पटाखा फैक्ट्री पर छापा:महुआ थाना पुलिस ने पकड़ी फैक्ट्री, बोरों में  पोटाश व बारुद मिला

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मुरैना की महुआ थाना पुलिस ने एक अवैध पटाखा फैक्ट्री पर छापा मारा है। लगातार ढाई घंटे तक चली इस कार्रवाई में छापे के दौरान पुलिस को बोरों में पोटाश व बारुद मिला है। यह पटाखे दीपावली के लिए तैयार किए जा रहे थे। जिस घर में अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी, उसमें अगर धोखे से भी बिस्फोट हो जाता तो पूरे रुधावली गांव के लोग उसकी चपेट में आ जाते तथा बड़ी जनहानि हो सकती थी। बता दें, कि महुआ थाना पुलिस को खबर लगी कि रुधावली गांव में एक घर में अवैध रुप से पटाखा फैक्ट्री संचालित है। सूचना मिलते ही महुआ थाना प्रभारी पवन भदौरिया ने तुरंत अंबाह थाना पुलिस को खबर की तथा वहां से उपनिरीक्षक ऋतु भदौरिया व अन्य पुलिस बल को मंगाया। उसके बाद पटाखा फैक्ट्री पर रविवार शाम 6 बजे छापा मारा गया। छापा मारते ही फैक्ट्री में काम कर रहे लोग भाग खड़े हुए और दो महिलाएं व एक पुरुष को मौके पर ही पुलिस ने धर दबोचा। पुलिस ने जब पटाखों को खोजना शुरु किया तो पुलिस को देखकर आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा कि गांव के भीतर इतनी बड़ी मात्रा में पटाखे भी बनाए जा सकते हैं। बोरों में भरा पोटाश व बारूद पुलिस ने जब पूरे मकान की गहराई से तलाशी ली तो पुलिस को बोरों में पोटाश व बारुद रखा मिला। बारूद व पोटाश की मात्रा इतनी अधिक थी कि अगर धोखे से भी बिस्फोट हो जाता तो पूरा गांव का गांव तहस-नहस हो जाता। पुलिस ने मौके पर मौजूद महिला व पुरुष से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनका नाम अल्ले खां पुत्र हैदर खां, उम्र 74 वर्ष था। महिलाओं के नाम जरीना पति स्व. छोटे खां उम्र 45 वर्ष था। तीसरे व्यक्ति का नाम शेलेन्द्र पुत्र छोटे खां था। पुलिस ने तुरंत तीनों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरु कर दी तो उन्होंने बताया कि वे लोग बहुत लंबे समय से अवैध पटाखा फैक्ट्री का संचालन करते आ रहे हैं। कई बार पुलिस ने छापा भी मारा लेकिन उन्होंने इसको बंद नहीं किया। यह मिला अवैध पटाखा बनाने का सामान पुलिस को मौके से एक थैली में डेढ़ किलो गंधक, एक गत्ते में काला पटाखा बनाने वाला पोटाश, एक थैली में तीन किलोग्राम पिसा हुआ कोयला पाउडर, एक थैली में दो किलो सफेद पाउडर, 13 सफेद प्लास्टिक की बोरियों में भरे हुए काशीराम जो बेचने के लिए तैयार थे, 3 टाट की बोरियों में बने हुए दीवाल गोले, पांच बोरी प्लास्टिक की खाली रील, जिससे काशीराम पटाखे बनाए जाते थे। तीन बोरी प्लास्टिक की बारुद सहित बनी हुई बत्तियां, चार बोरी प्लास्टिक की अखबार की पर्ची, एक बोरी प्लास्टिक की बड़ी खाली रील, एक बोरी बत्ती बनाने का धागा सहित लाखों रुपए के अवैध सामान मिला है। पुलिस की तत्परता से बची बड़ी जन-धन हानि इस अवैध पटाखा फैक्ट्री के संचालन कर्ताओं से पुलिस ने जब पूछा तो उन्होंने बताया कि वह बड़ी एहतियात के साथ पटाखे बनाते हैं लेकिन अगर धोखे से भी बिस्फोट होता है तो इससे पूरे गांव के लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। राजनैतिक संरक्षण पुलिस ने बताया कि जब उन्होंने आरोपियों से पूछा कि अभी तक वे क्यों नहीं पकड़े गए तथा जो उनको संरक्षण दे रहा है तो उन्होंने बताया कि उन्हें राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके कारण पुलिस उनको हमेशा से