नेपानगर में गणेश जी की प्रतिमाओं के विसर्जन के दूसरे दिन होने वाले चल समारोह, प्रतिमा विसर्जन की पहली बड़ी मूर्ति बुधवार रात 11.20 बजे ताप्ती घाट पर विसर्जित हुई। इसके बाद पीछे 7 से 8 मूर्तियां और आईं। देर रात करीब 2 बजे के आसपास विसर्जन पूरा हुआ। बारिश के बीच 13 नगर पालिका और पुलिस कर्मचारी गणेश जी की प्रतिमाओं के आने का इंतजार करते रहे और खुद तिरपाल पकड़कर बारिश से बचाव करते रहे। दरअसल बुरहानपुर की तरह नेपानगर में भी गणेश जी की प्रतिमाओं के विसर्जन का सिलसिला बुधवार को भी चला। प्रतिमाएं शाम के समय से ही अपने अपने पांडालों से निकाल ली गई थी, लेकिन शहरभर में घूमते हुए प्रतिमाएं रात में ताप्ती नदी पहुंची। ताप्ती नदी की छोटी पुलिया पर रात 11.20 बजे पहली मूर्ति विसर्जित हुई। यहां व्यवस्था, सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मी, नगर पालिका कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन इसी बीच बारिश हो गई। वाटरप्रूफ पांडाल नहीं होने से कर्मचारियों ने एक तिरपाल का सहारा लिया और एक साथ सभी उसे पकड़कर खड़े रहे। बड़े पुल से छोटी पुलिया तक लाइट की व्यवस्था नहीं की नगर पालिका की ओर से उपयंत्री राजू गणेश कामले, नरेंद्र सिंह तंवर और अन्य कर्मचारियों की निगरानी में मूर्तियां विसर्जित कराई गई। वहीं नपा इलेक्ट्रिशियन सुनील कसर, नितिन सूरदास, अर्जुन इंगले, गणेश खर्चे, त्रिभुवन सिंह, जफर अली आदि कर्मचारी तैनात रहे। बड़े पुल से छोटी पुलिया तक लाइट की व्यवस्था नहीं थी। मात्र छोटी पुलिया पर ही 4 से 6 लाइट लगे थे जिससे परेशानी हुई। लोगों ने कहा ताप्ती के बड़े पुल से छोटी पुलिया तक भी लाइट लगाए जाने चाहिए थे, लेकिन नहीं लगा। पुलिया पर भी रैलिंग नहीं थी। रोड पर मिट्टी होने के कारण बड़े पुल से छोटी पुलिया तक आने में वाहनों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बारिश के कारण कुछ लोगों ने ताप्ती नदी के बड़े पुल के ऊपर से ही मूर्ति विसर्जन किया। नीचे रास्ता खरबा होने से वाहन भी फंसते रहे।