पूर्वजों को याद करने व उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए प्रतिवर्ष श्राद्ध पक्ष में दान पुण्य किया जाता है। इस बार श्राद्ध पक्ष का आरंभ 18 सितंबर बुधवार से हुआ है। श्राद्ध पक्ष में मोक्षदायिनी शिप्रा के सिद्धवट, रामघाट के अलावा अंकपात चौराहे पर स्थित गयाकोठा में पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंचते है। श्राद्ध पक्ष के प्रारंभ होने पर निगम प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए टीन शेड आदि लगाए है। पहले दिन ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिप्रा तट पहुंचे और पितरों के निमित्त पूजन किया। इस बार श्राद्ध पक्ष 18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेगा। हालांकि इस बार प्रतिपदा तिथि का क्षय होने के कारण 15 दिनों में 16 दिन के श्राद्ध होगें। मोक्षदायिनी शिप्रा में तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व माना गया है। वैसे तो वर्षभर ही श्रद्धालु यहां पर तर्पण-पिंडदान के लिए पहुंचते है, लेकिन श्राद्ध पक्ष में इनकी संख्या बढ़ जाती है। शिप्रा नदी के रामघाट, सिद्धवट घाट और अंकअंकपात मार्ग स्थित गयाकोठा तीर्थ पर पूर्वजों की तिथि के अनुसार श्राद्ध कर्म किए जाते है। पं. अमर डिब्बावाला ने बताया कि पंचांग के गणित में तिथियां घटते-बढ़ते क्रम में रहती है। कभी तिथि का क्षय होता है तो कभी तिथि की वृद्धि होती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इस बार 16 श्राद्ध में प्रतिपदा तिथि का क्षय है। क्षय होने के कारण पूर्णिमा का श्राद्ध 18 सितंबर के दिन दोपहर 12 बजे तक पूर्णिमा का श्राद्ध करें और 12 बजे बाद दोपहर 1:30 बजे तक प्रतिपदा का श्राद्ध कर लें। उसके बाद तिथि के क्षय का आरंभ होगा, जिसमें श्राद्ध नही किए जाते। इस बार श्राद्ध पूर्वा भद्रपद नक्षत्र, बुधवार को मीन राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में श्राद्ध पक्ष प्रारंभ हुए है। ग्रहों में बुध आदित्य योग और शनि का शशयोग विद्यमान होने से इस योग में श्राद्ध का आरंभ माना जाता है। गायत्री शक्तिपीठ पर नि:शुल्क श्राद्ध तर्पण- अंकपात मार्ग स्थित गायत्री शक्तिपीठ पर श्राद्ध पक्ष में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सामूहिक श्राद्ध तर्पण एवं पिंडदान की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। प्रचार प्रसार सेवक देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि श्राद्धपक्ष में प्रतिदिन सुबह 8 से 10 बजे तक तथा चौदस और अमावस्या को दो पारियों में सुबह 7:30 बजे और 9:30 बजे से तर्पण पिंडदान कराया जाएगा। सभी पूजन सामग्री यहां नि:शुल्क उपलब्ध रहेगी। श्रद्धालुओं को समय के 15 मिनिट पहले तर्पण हाल में पहुंचना होगा। नगर निगम अमले ने की घाटों की सफाई- श्राद्ध पक्ष प्रारंभ होने के पहले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शिप्रा नदी के रामघाट, सिद्धवट घाट में कीचड़ व गंदगी की सफाई कराई गई है। हालांकि बुधवार को भी सुबह रिमझिम बारिश होने के कारण शिप्रा नदी के तट पर किचड़ की समस्या हो गई थी। अंकपात मार्ग पर स्थित गयाकोठा तीर्थ पर कुंड की सफाई भी करवाई गई है। श्राद्ध पक्ष के चलते यहां पिंडदान-तर्पण, कर्मकांड के लिए ब्राम्हणों और श्रद्धालुओं के लिए यहां पर शेड लगाए गए है।