तहसीलदारों के संगठन में और बढ़ा विरोध:आनलाइन वोटिंग से अध्यक्ष बने धर्मेंद्र के समर्थकों ने कहा, जरूरत पड़ी तो जाएंगे कोर्ट

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चुनाव का समय नजदीक आने के साथ मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी) संघ के सीनियर और जूनियर अफसरों के बीच खटास बढ़ती जा रही है। अब संघ की वर्तमान कार्यकारिणी के विरोध में उतरे नायब तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान के समर्थकों की ओर से कहा गया है कि यदि सीनियर मजबूर करेंगे तो कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी और संघ के पंजीयन से मान्यता मिलने तक के सारे दस्तावेज न्यायालय में पेश कराए जाएंगे। इनकी ओर से यह भी कहा गया है कि भोपाल में 22 सितम्बर को होने वाली चुनाव में शामिल होकर संघ की वर्तमान कार्यकारिणी के कामों का खुलासा किया जाएगा। आनलाइन वोटिंग से अध्यक्ष बने धर्मेंद्र सिंह चौहान ने कहा है कि प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बनने वाले या तो एसएएस के सदस्य रहें या फिर तहसीलदार (मप्र राजस्व अधिकारी) संघ की सदस्यता रखें। सोशल मीडिया ग्रुप पर आनलाइन ग्रुप पर वोटिंग कराने के बाद अध्यक्ष बनाए गए इंदौर में पदस्थ नायब तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान के निर्वाचन को तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के संगठन मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ की वर्तमान कार्यकारिणी ने अवैध घोषित किया है। उनके द्वारा 22 सितम्बर को चुनाव लड़ने के लिए तारीख तय की गई है। इस बीच चौहान को अध्यक्ष पद के लिए प्रमोट करने वाले अफसरों की ओर से एक बार फिर तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बन चुके और संघ की वर्तमान कार्यकारिणी में शामिल तहसीलदारों को चुनौती दी गई है। जरूरत पड़ने पर सक्षम न्यायालय जाने को कहा संघ के अफसरों के सोशल मीडिया ग्रुप पर वायरल मैसेज में कहा गया है कि संघ के वरिष्ठ लोगों को इस निचले स्तर तक नहीं आना था लेकिन जैसी उनकी मर्जी। असली बनाम नकली की लड़ाई मीडिया पर निराकृत नहीं होगी। इसका निराकरण सक्षम न्यायालय में होगा और यदि वरिष्ठ मजबूर करेंगे तो वहां यह लड़ाई लड़ी भी जायेगी। चैट में कहा, पंजीयन और मान्यता नहीं है संघ की वायरल चैट के अनुसार यदि यह कानूनी लड़ाई लड़ी गई तो संघ के पंजीयन से लेकर मान्यता मिलने तक (जो कि मुझे पता है, अभी तक नहीं ली गई है) सभी दस्तावेज, सदस्यता पंजी, सदस्यता आवेदन, वार्षिक शुल्क पंजी, वार्षिक ऑडिट, वार्षिक सम्मेलनों के मिनिट्स, निर्वाचन के मिनिट्स, आय-व्यय आदि न्यायालय में बुलवाए जायेंगे और यदि संघ के खाते का वार्षिक ऑडिट नहीं हुआ पाया गया या ऑडिट में कुछ गड़बड़ पाई गई तो न्यायालय से ही जिम्मेवारी तय होगी और वहीं से अग्रिम कार्यवाही होगी। सीनियर को कहा, पुनर्विचार कर लें चैट में यह भी कहा गया है कि इन हालातों में सभी वरिष्ठ एक बार अपने कदमों पर पुनर्विचार कर लें और कम से कम वे तो कर ही लें, जिनके नाम लेटरहेड पर छपे हैं। इस बीच लेटरहेड वाले वरिष्ठ यदि चाहें तो सम्मान विदाई लेने के लिए स्वतंत्र हैं। रही बात भोपाल आने की, तो हम सब वहां बिलकुल पहुंचेंगे क्योंकि हमारे भी बहुत से सवाल है। तब तक उनके जवाब यदि आप देना चाहे तो आप दें और यदि लेटरहेड में लिखे वरिष्ठ देना चाहें तो उन तक यह मैसेज प्रेषित कर दीजिएगा। इनके द्वारा किए गए सवाल में कहा गया है कि हाल ही में दो नायब तहसीलदारों को कलेक्टर ने निलंबित किया तो यह जानते हुए भी कि कलेक्टर इसके लिए सक्षम नहीं है, आपने और संघ कार्यकारिणी ने क्या किया? भास्कर से बोले, आनलाइन निर्वाचित अध्यक्ष- भोपाल में शपथ होगी इधर इस विवाद पर दैनिक भास्कर से चर्चा में इंदौर में पदस्थ नायब तहसीलदार धर्मेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि उनकी जानकारी में नहीं था कि आनलाइन वोटिंग कराकर उन्हें चुना गया है। निजी कारणों से वे अवकाश पर थे , तब कुछ लोगों ने वोटिंग कराई है पर साथियों ने आनलाइन वोटिंग में जो तय किया है, वह भोपाल में आकर भी बता सकते हैं। इसलिए 22 सितम्बर को सब भोपाल आएंगे। चौहान ने कहा कि भोपाल में चुनाव करने वालों द्वारा अध्यक्ष की शपथ कराई जाएगी। इसके साथ नई कार्यकारिणी का मनोनयन या निर्वाचन कराया जाएगा। वर्तमान कार्यकारिणी के जो लोग हैं उनमें से अधिकांश प्रभारी डिप्टी कलेक्टर (पीडीसी) बन चुके हैं और वे एसएएस के साथ तहसीलदार संघ की सदस्यता भी रखना चाहते हैं। इसी कारण किसी एसएएस की कार्यवाही का विरोध नहीं करते। ऐसे में इस तरह की भूमिका वाले साथी अफसरों को एसएएस या फिर तहसीलदार संघ की सदस्यता रखनी होगी। इसके अलावा एक बात यह भी है कि पिछले कुछ महीनों में कलेक्टरों ने तहसीलदारों को अधिकार न होने के बाद भी सस्पेंड किया है तो इसका संघ ने विरोध क्यों नहीं किया, इसका जवाब देना होगा।