श्यामपुरा के ग्रामीण नरकीय जीवन जीने को मजबूर:कीचड़ से सने और पानी से भरे रास्ते से होकर निकालना पड़ता है अंतिमयात्रा

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शिवपुरी जिले के पोहरी जनपद के डिगडौली पंचायत के श्यामपुरा के ग्रामीण नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। इस गांव में आज दिनांक तक मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए सड़क नहीं बनाई गई। सड़क के अभाव में ग्रामीण हर रोज परेशान होते हैं। उन्हें कीचड़ से सने और पानी से भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। इसी क्रम में श्यामपुरा गांव के हालात बयां करती कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। जहां गांव की एक महिला की मौत के बाद ग्रामीण अंतिम संस्कार करने के लिए पानी और कीचड़ से लबरेज मार्ग से कंधों पर अर्थी ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक श्यामपुरा गांव में रविवार शाम रामजी लाल कुशवाह की 58 वर्षीय पत्नी तुरसा की मौत बीमारी के चलते हो गई थी। इसके बाद ग्रामीण अंतिम यात्रा में अर्थी को लेकर अंतिम संस्कार के लिए ले गए थे। बताया गया है कि इस गांव में मुक्तिधाम तक नहीं हैं। यहां सड़क न होने के आभाव में ग्रामीणों को सड़क पर भरे घुटने पानी के बीच से होकर शव ले जाना पड़ा। ग्रामीण बताते हैं कि इस गांव में 200 परिवार निवास करते हैं। यहां सड़क निर्माण की मांग वर्षों से करते हुए आ रहे हैं। इस गांव बारिश के तक एम्बुलेंस भी नहीं पहुंच पाती। वर्षों से ग्रामीणों की परेशानी जस की तस बनी हुई है।