ग्वालियर-चंबल अंचल में मौसम पिछले दो दिन से साफ है, लेकिन इसके बाद भी कई इलाकों में पानी भरा हुआ है। 11 व 12 सितंबर को लगातार तेज बारिश से कई नदियां उफान पर आ गई थी। एक हजार से ज्यादा लोग उसकी चपेट में आए थे। पानी तो उतर गया है पर कई गांव अभी भी पानी न निकलने से परेशान हैं। रविवार को दिन की शुरुआत तेज धूप से हुई है। दो दिन से मौसम साफ है, लेकिन मौसम विभाग की माने तो रविवार शाम तक बादल छाएंगे और रिमझिम बारिश देखने को मिल सकती है। दो दिन बाद 17 सितंबर को बारिश का एक बार फिर स्ट्रांग सिस्टम बन रहा है। जो ग्वालियर-चंबल अंचल सहित पूरे मध्य प्रदेश में अच्छी बारिश कराएगा। ग्वालियर-चंबल अंचल पर इस साल मानसून मेहरबान है। जून, जुलाई व अगस्त के बाद सितंबर में भी आसमान में बादल मंडरा रहे हैं और अच्छी बारिश करा रहे हैं। पिछले 50 साल के इतिहास में सितंबर में ऐसी जोरदार मानसूनी बारिश नहीं हुई है। यही कारण है कि इस मानसून में अब तक 1045.0 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है। सितंबर के तीन दिन 10, 11 व 13 सितंबर को जिले में सवा दो सौ मिलीमीटर बारिश ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यही कारण है कि ग्वालियर-चंबल अंचल की सभी नदियां उफान पर रहीं और तिघरा जलाश्य के गेट भी दो साल बाद खोले गए। इतना ही नहीं पिछले कई सालों में ऐसा पहली बार हुआ कि लगातार 39 घंटे तक तिघरा बांध के गेट खुले रहे।
रविवार को खिली धूप से हुई दिन की शुरुआत
ग्वालियर में लगातार तीन दिन तेज बारिश के बाद अब दो दिन से मौसम खुला हुआ है। यही कारण है कि बीते दिवस शनिवार को दिन में धूप के चलते अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। रविवार सुबह न्यूनतम तापमान भी 25.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है। बारिश थमी है, लेकिन मानसून अभी गया नहीं है। मौसम विभाग की माने तो रविवार शाम तक बादल के साथ रिमझिम हो सकती है। दो दिन बाद एक स्ट्रांग सिस्टम एक्टिव होने से पहले जैसी तेज बारिश की संभावना है।
मौसम में आगे क्या
मौसम केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि मप्र में रविवार से तेज बारिश होने के आसार हैं। यह बारिश दो या तीन दिन जारी रह सकती है। इसका असर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से में होगा। यह पिछले दौर से छोटा यानी 48 घंटे या 72 घंटे का होगा। अनंत चतुर्दशी के दिन भोपाल सहित प्रदेश के अन्य शहरों में भारी बरसात के आसार हैं। सोमवार को 9 जिलों को रेड अलर्ट की श्रेणी में रखा गया है। यह मानसूनी सिस्टम ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ होता हुआ मप्र में एंट्री करेगा। भोपाल के मौसम केंद्र में लगे डॉप्लर राडार में भी इसकी इमेज कैद हो चुकी है।
तिघरा अब फुल
शहर की लाइफ लाइन तिघरा जलाशय को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। तिघरा में अभी 739 फीट पानी है। जबकि तिघरा की कुल क्षमता 740 फीट है। बुधवार को तिघरा के सभी सात गेट खोले गए थे। तिघरा के गेट पहले बारी लगातार 39 घंटे खुले रहे थे। इतना पानी वेस्ट वियर में बहाया गया था जिससे शहर की छह महीने की प्यास बुझाई जा सकती थी।