जबलपुर में 60 वर्षीय चरवाहा की हत्या कर उसके शव को घने जंगल में फेंक दिया। हत्यारों ने हत्या करने के बाद चरवाहा के हाथ पैर बांधे और फरार हो गए। मृत चरवाहे की करीब 40 बकरी भी गायब है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पाटन थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा कर पीएम के लिए पाटन स्वास्थ्य केन्द्र भेजकर हत्यारों की तलाश शुरु कर दी है। मृतक का नाम रघुनाथ मरावी है जो कि शुक्रवार की सुबह 10 बजे अपने हरदुआ गांव से बकरी लेकर जंगल की तरफ गया था। शाम तक जब रघुनाथ घर नहीं आए तो गांव के 70 से अधिक ग्रामीणों ने रात भर तलाश की पर उसका पता नहीं चला। शनिवार की दोपहर को जब ग्रामीण रघुनाथ को तलाश कर रहे थे, उसी दौरान भीम्माटोला के जंगल में चरवाहा के हाथ-पैर बंधा शव मिला। चरवाहे के शरीर पर चोट के निशान भी मिले है, साथ ही उसके नीचे के कपड़े भी गायब है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर तलाश शुरु कर दी है। बकरी चराने गए फिर वापस नहीं आए
पाटन थाना के हरदुआ गांव में रहने वाला रघुनाथ मरावी रोज की तरह शुक्रवार की सुबह 40 बकरियों को लेकर गांव से निकले, रोज शाम पांच बजे तक वापस घर आ जाते थे, पर जब रात तक नहीं आए तो उनके बेटे ने गांव के ग्रामीणों को बताया कि पिता अभी तक घर नहीं आए और ना ही बकरी आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए 70 से अधिक ग्रामीण टार्च लेकर रात 12 बजे तक जंगल में तलाश करते रहे, पर उसका कुछ पता नहीं चला। शनिवार की सुबह गांव के ग्रामीण ने फिर से चरवाहा की तलाश शुरु कर दी, वहीं गांव के कुछ ग्रामीणों ने पाटन थाना पुलिस को सूचना दी। दोपहर करीब ढाई बजे रघुनाथ के गांव हरदुआ से करीब 20 किलोमीटर दूर भीम्मटोला के जंगल में रस्सी से हाथ-पैर बंधा चरवाहे का शव मिला। जानकारी लगते ही एसडीओपी सहित पाटन थाना पुलिस का स्टाफ मौके पर पहुंचा। आसपास पुलिस ने सर्चिंग भी की पर चरवाहे की बकरियां नहीं मिली। आशंका जताई जा रही है कि चोरों ने ही रघुनाथ की हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया और फिर बकरी लेकर फरार हो गए। 20 साल से बकरी चराने जा रहा है रघुनाथ
मृतक के बेटे कृष्णा मरावी ने बताया कि उनके पिता रघुनाथ मरावी करीब 20 सालों से बकरियों को चराने के लिए जंगल में आ रहे है, इससे पहले ऐसा कभी भी नहीं हुआ कि शाम तक पिता घर नहीं लौटे हो। शुक्रवार की सुबह से लेकर शाम तक जब घर नहीं आए तो रात भर जंगल में तलाश की गई पर पता नहीं चला। स्थानीय ग्रामीण प्रीतम श्रीपाल ने बताया कि आसपास के गांव से सैकड़ों बकरिया भी गायब हो रही है, जिसका आज तक कुछ भी पता नहीं चला है। ग्रामीणों का कहना है कि अभी तो बकरी गायब हो रही थी, पर अब हत्या भी हो रही है। प्रीतम का कहना है कि जल्द ही अगर पुलिस ने इस और ध्यान नहीं दिया तो हो सकता है कि आने वाले समय में वो ग्रामीण जो कि जानवर लेकर जंगल जाते है, उनका हाल भी रघुनाथ जैसा हो सकता है। जंगल में हाथ-पैर-मुंह बंधी मिली लाश
शुक्रवार की सुबह से गायब हुए रघुनाथ की शनिवार की दोपहर को हाथ-पैर बंधी अर्धनग्न अवस्था में लाश मिली है, जानकारी मिलते ही एसडीओपी लोकेश डाबर पाटन थाना पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस के मुताबिक जिस जगह पर रघुनाथ का शव मिला है, वह हरदुआ गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर है, जहां पर ग्रामीणों का आना-जाना बहुत ही कम होता है। एसडीओपी का कहना है कि रघुनाथ के मुंह और हाथ-पैर बंधे हुए है, शरीर पर चोट के भी कई निशान है। शव का मौके पर पंचनामा कर पीएम के लिए भिजवा कर जांच शुरु कर गई है। एसडीओपी ने बताया कि प्रथम दृष्टया हत्यारों ने हत्या को अंजाम देकर उनकी 40 बकरी अपने साथ ले गए है। पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश शुरु कर दी है। बकरी चोरी होने के बाद अब हत्या जैसी घटना को लेकर ग्रामीणों ने दहशत का माहौल बना हुआ है। 2020 में पहली बार हुई थी बकरी चोरी मझौली क्षेत्र में पहली बार 2020 में बकरी चोरी का मामला सामने आया था। बकरी चुराने के लिए चार लोग कार से पहुंचे और चरवाहे को शराब पिलाई, जब वह नशे में हो गया तो चोरों ने कार की डिक्की में दो बकरी रख ली और इसके बाद फरार हाे गए। नरेंद्र चौधरी ने मझौली थाना पुलिस को बताया कि उसके घर में 12 बकरियां हैं। उसके पिता खेमचंद चराने ले जाते हैं। शुक्रवार को उसके पिता ढौडा दुर्गा कॉलोनी पहाड़ी के पास ले गए थे। वहां अन्य चरवाहे धीरज चक्रवर्ती, भोला चक्रवर्ती व श्रीराम चौधरी भी थे। तीनों ने बताया कि कार सवार चार लोग उसकी एक बकरी चोरी करके ले गए हैं। फरवरी में स्कॉर्पियो में आए थे चोर सिहोरा के ग्राम सुहजनी में 7 माह पहले भी तीन चोर बकरी चुराने के लिए एक फर्जी नंबर की स्कॉर्पियो में बैठकर आए थे। जिन्हें रोकने के लिए ग्रामीणों ने ड्रम रखकर कोशिश भी की, लेकिन चोरों ने वाहन तेज कर ड्रम के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। ड्रम उड़कर बाप-बेटे को लगा और दोनों की मौत हो गई। वहीं परिवार के अन्य दो लोग घायल हुए थे। तीनों चोर घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए हैं, जिनको आज तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। बकरी को स्कॉर्पियो एमपी20-7A-775 में रख रहे थे। इसी दौरान ग्रामीणों सहित लमकना गांव के बाप-बेटे रामधनी दाहिया (60) और सोनेलाल दाहिया (40) की नजर चोरों पर पड़ गई। जिसके बाद देखते ही देखते ग्रामीण इकट्ठा हो गए। भीड़ को देख चोर नजदीक के गांव में बकरी लेकर स्कॉर्पियो सहित भागे। लेकिन घेराबंदी देख वापस लौटे।