इंदौर क्राइम ब्रांच ने शेयर मार्केट में चार गुना मुनाफा देने की बात करते हुए करोड़ो रूपए की धोखाधड़ी करने के मामले में दो मोबाइल नंबर के लोगो पर केस दर्ज किया है। आरोपियों ने एप के माध्यम से शेयर में मार्केट में रूपए लगवाए। जब उस एप से रूपए निकालने की बारी आई तो फोन नंबर बंद कर ठगोरो से संपर्क टूट गया। पीड़ित ने क्राइम ब्रांच को जानकारी दी। जिसमें आराेपियों की जानकारी निकालने के बाद केस दर्ज किया गया है।
क्राइम ब्रांच के एडीशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया की सायबर एक्सपर्ट टीम ने महेश थाहिरानी की शिकायत पर दो मोबाइल नंबर के धारको और एक अंकाउटेंट के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। महेश थाहिरानी ने मंगलवार को इस मामले में क्राइम ब्रांच में आकर शिकायत की थी। उन्होने अपनी शिकायत में बताया कि ऑनलाइन एप के माध्यम से शेयर बाजार में चार गुना लाभ देने की बात पर आरोपियों ने 4 करोड़ 85 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी की है।
इस लिंक से जुड़ने की आई थी रिक्वेस्ट
महेश को m.stock586 value invesment portfolio में एड होने के रिक्वेस्ट लिंक भेजी गई थी। जिस पर क्लीक करते ही वह वाट्सएप ग्रुप पर एड हो गए। इस ग्रुप पर दो मोबाइल धारक एडमिन थे। इस ग्रुप में शेयर ट्रेडिंग सबधिंत मैसेज आते थे। ग्रुप में काफी मेंबर इन मैसेजो को लेकर रिप्लाय करते ओर बताते रहते कि उन्हें प्राफिट हुआ है। इसे लेकर उन्हें भी इसमें इनटरेस्ट आया। ग्रुप के नंबर वाले व्यक्तियों पर विश्वास पर चेंटिग शुरू की। इसके बाद मोबाइल नंबर पर बात की। उन्होंने ट्रेडिंग के बारे में बताया।
एप डाउनलोड कर करवाई ट्रेडिंग
क्राइम ब्रांच को महेश ने बताया कि बात करने वाले एडमिन ने उन्हें Mstock Max एप के माध्यम से ट्रेडिंग करने की बात की। विश्वास में लेने के बाद एक लिंक भेजी गई। जिसमें एप महेश ने अपनी मोबाइल पर डाउनलोड कर लिया। इसके बाद आधार कार्ड,पेन कार्ड,मोबाइल नंबर से आईडी ओर पासवर्ड मिला। इसके बाद ग्रुप एडमिन ने बताया कि अगर वह ट्रेडिंग करना चाहते है तो अंकाउटेंट रवि से संपर्क करना पड़ेगा। उन्होने नंबर दिया। जिसमें एक अंकिाउट नंबर देकर एप के माध्यम से बताया गया कि इसमें आपकी आईडी दिखेगी। जो भी अमाउंट जमा करोगे और निकालोगे उसका बेंलेस और डिटेल दिखेगी। इसके बाद बनाए गए अंकाउट पर सबसे पहले 21 अगस्त को 10 हजार का ट्रांजेक्शन किया। इसके बाद 23 को 5 लाख रूपए डाले। इसका प्राफिट Mstock Max एप पर दिखा। इसलिए ओर अंमाउट डालने के लिये सोचा। जिसमें एप के माध्यम से बैक आॅफ महाराष्ट्र के अंकाउट में 3 करोड़ 60 लाख 60 हजार रूपए डाल दिए। वही रवि द्वारा बताए गए निर्मल अर्बन को ओपरटेविव बैक नागपुर शाखा में 1 करोड़ 5 लाख और 20 लाख के दो ट्रांजेक्शन किये। इसके बाद कुछ प्राफिट ओर दिखा। बाद में एप के माध्यम से रूपए विड्राल करना चाहे तो वह नही निकले। अंकाउटेंट से संपर्क किया तो उसका नंबर बंद मिला। बाद में ग्रुप एडमिन से संपर्क किया तो उनहोंने भी रिप्लाय नही किया। इसके बाद एनसीआरपी पोर्टल पर मामले की शिकायत की। बाद में क्राइम ब्रांच में आकर शिकायत की गई। जिसके बाद सायबर टीम ने मामले में जांच शुरू कर कुछ संदिग्धो की जानकारी निकाली है।