श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा ऋषि पंचमी:महिलाओं ने सप्त ऋषि और अरुंधति माता की पूजा की

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ऋषि पंचमी का पर्व रविवार को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर महिलाओं ने व्रत रखकर कथा सुनी और पारंपरिक पूजा-अर्चना भी की। महिलाओं ने श्रद्धा के साथ व्रत रखकर सप्त ऋषि और अरुंधति माता की पूजा की। इस दौरान महिलाओं ने देवालयों में कथा का श्रवण किया। इस दिन महिलाएं बिना हल के जोते हुए अन्न, भैंस का दही और करमी का साग खाकर व्रत तोड़ती हैं। शहर की नर्मदा कालोनी के नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में पूजा कराने वाले पंडित चंद्रशेखर गीते ने बताया कि ऋषि पंचमी पर्व की मान्यता है कि इस व्रत को रखने से महिलाओं की ओर से रजस्वला अवस्था में जाने-अनजाने में हुए दोष का निवारण हो जाता है। इस पर्व के मद्देनजर शहर के अलग अलग मंदिरों पर पंडितों ने पूजन अर्चन कराने के बाद महिलाओं को कथा सुनाई। पंडित गीते ने बताया कि इस दिन महिलाएं व्रत कर पवित्र नदियों में आंधी झाड़ा की पत्तियों से स्नान के बाद विधि विधान से सप्त ऋषि का पूजन करती है। मंदिर में कथा श्रवण करने के बाद ही महिलाओं द्वारा मोरधान का ही उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है। इस दिन 7 ऋषियों की पूजा का विधान है। सप्त ऋषियों के नाम कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ है। इस दौरान जो महिलाएं मंदिर नहीं जाती है वह घर पर ही पत्थर या मिट्टी से सप्त ऋषि बनाकर पूजन कर व्रत का पालन करती है।