जिले भर में शनिवार से भगवान श्रीगणेश की आराधना का महापर्व गणेश चतुर्थी शुरू हो गया है। 10 दिवसीय गणेशोत्सव के पहले दिन श्रीगणेश की विधि-विधान के साथ अगवानी की जा रही है। शहर में सार्वजनिक स्थानों पर जगह-जगह भव्य तैयारियां की गई है। मुख्य समितियों और मंडलों ने बड़े पंडाल लगाकर आकर्षक साज-सज्जा और लाइट्स लगाई है। शनिवार सुबह घरों से लेकर पंडालों तक तैयारियों का सिलसिला तेज रहा। शहर के दशहरा मैदान में गणेशजी की प्रतिमा और झांकी साज-सज्जा सहित पूजन-चुनरी आदि की दुकानें सजी हुई है। हालांकि, सुबह दुकानों पर लोग कम नजर आए। मूर्ति विक्रेताओं के मुताबिक पीओपी प्रतिमा पर प्रतिबंध के चलते इस बार कम ऊंचाई की ही प्रतिमाएं अधिक है। मिट्टी की प्रतिमाओं की भी मांग है, लेकिन पीओपी के मुकाबले उनकी कीमत लगभग दोगुना है। आज शनिवार को गणेशोत्सव की शुरुआत के साथ ही घर-दुकान सहित सार्वजनिक पंडालों में श्रीगणेश की प्रतिमा विधि-विधान से स्थापना की जाएगी। गणेश चतुर्थी पर मंडल वाले प्रतिमाओं को वाहनों में सवार कर अपने-अपने पंडालों में स्थापित करेंगे। इस दौरान रंग-गुलाल के साथ गणपति बप्पा के जयघोष गूजेंगे। प्रतिदिन होगा अथर्वशीर्ष पाठ गणेशोत्सव के दौरान शहर के जंबू गली स्थित प्राचीन पाताल गणेश मंदिर में पहले दिन से ही धार्मिक अनुष्ठान होंगे। पहले दिन सुबह भगवान का अभिषेक कर श्रृंगार, पूजन और दोपहर 11.30 बजे आरती हुई। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु बप्पा के पूजन-दर्शन के लिए पहुंचें। मंदिर समिति के अनुसार शनिवार को को सुबह 10 बजे से 21 अथर्वशीर्ष पाठ, आरती तथा भजन और प्रसादी वितरण हुआ। भगवान को 8 सितंबर को सवा पांच किलो खोपरा पाक की प्रसादी, 9 सितंबर सवा पांच किलो जलेबी, 10 सितंबर को पेड़े, 11 सितंबर को छप्पन भोग, 12 सितंबर को बेसन के लड्डू, 13 सितंबर को मलाई बर्फी, 14 सितंबर को राजगीरा के लड्डू, 15 सितंबर को 1001 गणेशजी के नाम से मोदक हवन, 16 सितंबर को गुपचुप पेड़े की प्रसादी और 17 सितंबर को अनंत चतुदर्शी पर सुबह 8 बजे अथर्वशीर्ष पाठ और 10 बजे गणेशजी की महाआरती कर सवा क्विंटल मोदक का भोग लाया जाएगा। इसी तरह मां वैष्णोदेवी मंदिर के सामने स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम बप्पा की विशेष आरती-पूजन होंगे। 56 भोग लगाया जाएगा।