1500 की रिश्वत लेते प्यून गिरफ्तार:डिग्री देने के एवज में मांग रहा था रुपए, RDVV के परीक्षा विभाग में मारा छापा

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जबलपुर लोकायुक्त ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में पदस्थ प्यून को आज 1500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। प्यून परीक्षा विभाग में पदस्थ है, जिसका नाम राजेंद्र कुशवाहा है। राजेन्द्र कर्मचारी संघ का उपाध्यक्ष है। बताया जा रहा है कि छात्रा से उसकी डिग्री निकलवाने के लिए दो हजार रुपए की मांग की थी, बाद मे सौदा 1500 रुपए में तय हुआ। छात्रा के भाई यश सिंह की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार की दोपहर को ये कार्रवाई की है। शिकायतकर्ता ने बताया कि परीक्षा विभाग में डिग्री पाने के लिए सिर्फ डेढ़ सौ से दो सौ रुपए लगते है, पर प्यून राजेंद्र के द्वारा एक सप्ताह से रोजाना बहन तनुजा सिंह से 2 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। जिसकी शिकायत तनुजा के भाई यश ने जबलपुर लोकायुक्त एसपी से की थी।
लोकायुक्त की टीम ने आज शिकायत का सत्यापन किया और रंग से रंगे रिश्वत के 1500 रुपए दिए। यश प्यून राजेन्द्र के पास पहुंचा और 1500 रुपए देने लगा, इस पर उसे गार्डन में आने के लिए कहा गया। जैसे ही आरोपी ने रुपए लिए तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है, यह जानकारी जब यूनिवर्सिटी में फैली तो हड़कंप मच गया। लोकायुक्त की टीम राजेन्द्र कुशवाहा को गिरफ्तार करके सर्किट हाउस लेकर पहुंची, जहां पर कि कार्रवाई की गई।
शिकायतकर्ता यश सिंह ने बताया कि उसकी बहन तनुजा सिंह ने 2017 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से संबद्ध केसरवानी कॉलेज जबलपुर से बीकॉम किया था। जिसकी डिग्री यूनिवर्सिटी से मिलनी थी। तनुजा एक सप्ताह से लगातार चक्कर काट रही थी। पर उससे दो सौ रुपए की जगह 2 हजार रुपए की मांग राजेन्द्र कुशवाहा के द्वारा की जा रही थी। परेशान होकर तनुजा और उसके भाई ने जबलपुर लोकायुक्त पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद आज रंगे हाथों राजेन्द्र को गिरफ्तार किया गया। डीएसपी नीतू त्रिपाठी ने बताया कि राजेन्द्र प्रसाद कुशवाहा परीक्षा विभाग में पदस्थ है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री माखन शर्मा ने कहा कि अभाविप लोकायुक्त की इस कार्यवाही की सराहना करती है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी इस प्रकार के कई घटना क्रम की शिकायत विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से की थी, जिसको विश्वविद्यालय प्रशासन ने गंभीरता से नहीं लिया था। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने हाल ही में दौरे पर आये उच्च शिक्षा मंत्री इन्द्र सिंह परमार को ज्ञापन सौंपते हुए दलाली की घटनाओं से अवगत भी करवाया था।