इंदौर के आरआरएमबी गुजराती स्कूल में वर्कशॉप:स्टूडेंट्स को सिखाए साइबर अपराधों से बचने के गुर, जागरूक और सतर्क रहने का संदेश भी दिया

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इंदौर पुलिस द्वारा साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए और इसके प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से लगातार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत 3 सितंबर को अति. पुलिस उपायुक्त क्राइम इंदौर, पुलिस टीम के साथ आरआरएमबी गुजराती स्कूल, नसिया रोड पहुंचकर स्टूडेंटस को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया। सायबर अवेयरनेस के तहत आरआरएमबी गुजराती स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में एडीशनल डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने अपनी 285वीं कार्यशाला में करीब 400 स्टूडेंट्स एवं एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ को वर्तमान समय के साइबर अपराधों के विषय में जानकारी दी। उन्होंने पुलिस के पास आने वाली साइबर अपराधों की केस स्टडी के माध्यम से विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड, फाइनेंशियल फ्रॉड तथा सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर, किस प्रकार अपराधी हमें अपना शिकार बनाते हैं, आदि के बारे में जानकारी दी। विदित हो कि, साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के अभियान के तहत इंदौर पुलिस द्वारा लगातार स्कूल/कॉलेज, संस्थानों, औघोगिक इकाइयों, कॉलोनियों में बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक के हर जाति वर्ग के लोगों के बीच जाकर उन्हें साइबर अपराधों से बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है, जिसमें लाखों लोग ऑनलाइन व ऑफलाइन इससे जागरूक भी हुए हैं।
साइबर अवेयरनेस के इस महाअभियान में एडीशनल डीसीपी क्राइम इंदौर राजेश दंडोतिया भी जागरूकता की अलख जगा रहे हैं। इसी के अंतर्गत उनकी ये 285वीं कार्यशाला थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वर्चुअल वर्ल्ड के विभिन्न नई नई तकनीकों के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग करके भी किस प्रकार के अपराध किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध होने पर हेल्पलाइन-1930, cybercime.gov.in तथा इंदौर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 704912445 आदि पर किस प्रकार शिकायत करें तथा पुलिस इन पर किस प्रकार कार्रवाई करती है और साइबर अपराधों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखें आदि के संबंध में व्यवहारिक ज्ञान दिया। उन्होंने सभी से कहा कि चूंकि हम सभी आजकल ज्यादा से ज्यादा काम और पढ़ाई भी ऑनलाइन ही कर रहे हैं, और इस दिन प्रतिदिन बदलती नई-नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर साइबर क्रिमिनल्स नित नए तरीकों से साइबर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं, इसलिए और ज्यादा सतर्क और सावधान रहना जरूरी है। अंतः हम पूर्ण सतर्कता और सावधानी के साथ डिजिटल लेन देन, सोशल मीडिया का उपयोग करें, ऑनलाइन गेम खेलने मे भी ध्यान रखें और अपनी निजी जानकारी किसी से भी शेयर न करें। इस दौरान स्टूडेंट्स ने भी साइबर क्राइम से संबंधित अपनी विभिन्न जिज्ञासाओं प्रश्नों के माध्यम से पूछा, जिस पर एडीशनल डीसीपी क्राइम ने बड़े ही रोचक तरीके से प्रैक्टिकली उनको समझाया। इस अवसर पर संस्थान के स्टूडेंटस, सहित फैकल्टी, एडमिनिस्ट्रेशन आदि स्टाफ भी उपस्थित रहा, जिन्होनें भी साइबर सुरक्षा की बारिकियों को समझा।