मंत्रालय में बाबू राज ने धीमा किया ई आफिस मूवमेंट:फाइल मुक्त बनाने की थी योजना लागू पर छ: साल बाद भी जारी फिजिकल फाइल मूवमेंट

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छह साल पहले मंत्रालय और राजधानी में संचालित होने वाले डायरेक्ट्रेट के दफ्तरों को ई आफिस सिस्टम में अपग्रेड करने की सरकार की प्लानिंग को अफसर पलीता लगा रहे हैं। यहां बाबू राज के चलते फाइलें बनाने और बिगाड़ने के खेल में माहिर अफसर इस व्यवस्था को लागू करने में आड़े आ रहे और इसे सफल नहीं होने देना चाहते हैं। स्थिति यह है कि मंत्रालय में इस समय तीन तरह की फाइल, ई फाइल, पी फाइल और फिजिकल फाइल मूव कर रही हैं। फिजिकल फाइल मैन्युअल आपरेट होती है और इनका मूवमेंट अभी भी रजिस्टर से किया जाता है। रिकार्ड में जमा नहींं कर रहे, विभागों में बांधकर रखी फाइलें जीएडी प्रमुख सचिव ने सभी एसीएस, पीएस और सभी विभागाध्यक्षों से कहा है कि 19 मई 2016 को जीएडी द्वारा जारी निर्देश में रिकार्ड व्यवस्थित करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं लेकिन विभाग इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। विभागों द्वारा नस्तीबद्ध फाइलों को सरकारी रिकार्ड में जमा नहीं कराया जा रहा है। मंत्रालय के कमरों में फाइलों को कई सालों तक बस्तों में बांधकर रखा जाता है जो मंत्रालय की सुरक्षा, स्वच्छता और आवंटित क्षेत्र व संसाधन के उपयोग के दृष्टि से ठीक नहीं है। दो अलग-अलग माड्यूल पर फाइलों का मैनेजमेंट मंत्रालय में वर्ष 2018 से ई आफिस साफ्टवेयर चालू किया गया है जिसमें फाइलों के प्रबंधन के लिए दो माड्यूल हैं। एक अन्य माड्यूल जल्दी ही ई आफिस में शामिल होने वाला है। पहला माड्यूल फाइल मैनजमेंट सिस्टम (एफएमएस) का है जिसमें फाइलों को पूरी तरह ई फाइल रूप में चलाया जा सकता है या सिर्फ ई आफिस में रजिस्टर कर फाइलों को पी फाइल के रूप में चलाकर फाइलों के ट्रेकिंग ई आफिस के रूप में की जा सकती है। ई फाइल में आप्शन में सभी नोटशीट, ड्राफ्ट और पत्राचार इलेक्ट्रानिक रूप में होते हैं। पी फाइल आप्शन में सभी नोटशीट, ड्राफ्ट और पत्राचार फिजिकल रूप मे होते हैं और केवल फाइल के नम्बर और विषय से संबंधी फाइल की ट्रैकिंग ई आफिस पर होती है। एफएमएस के दोनों आप्शन एक साथ उपयोग होने से ई-आफिस हाइब्रिड मोड कहलाता है। नालेज मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस) इस माड्यूल के अंतर्गत फाइलों को एक पीडीएफ डाक्यूमेंट की तरह ओसीआर युक्त स्कैन कर मेटा डेटा के साथ ई आफिस माड्यूल के केएमएस माड्यूल में अपलोड किया जाता है। इसका प्रिंट लिया जा सकता है। यह रिफरेंस डाक्यूमेंट की तरह किसी ई फाइल में अटैच भी किया जा सकता है। वर्चुअल रिकार्ड रूम (वीआरआर) इस माड्यूल के अंतर्गत ई फाइल और पी फाइल को स्टोर और आर्काइव किया जा सकता है। वीआरआर में फाइलों को आसानी से एक्सेस किया जा सकेगा। इस तरह फाइलों के डिजिटाइजेशन पर काम कर रहे अ‌फसर