बढ़ेगी परेशानी:बाणगंगा आरओबी पर ढाई साल बाद भी पेंच; उद्योगपति राजी नहीं, ब्लैक स्पॉट बनने का डर

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बाणगंगा रेलवे क्रॉसिंग फ्लायओवर पर ढाई साल बाद भी पेंच बरकरार है। पीडब्ल्यूडी जगह अधिग्रहण कर ब्रिज बनाने की तैयारी कर रहा है, वहीं क्षेत्र के उद्योगपति सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्प्लेक्स, खातीपुरा से उज्जैन रोड के बीच बन रहा यह आरओबी क्षेत्र के लिए बड़ी परेशानी पैदा कर देगा। ब्रिज का उतार उज्जैन रोड पर बने आरओबी के उतार क्षेत्र में समाप्त हो रहा है। इससे आवाजाही करने वाले वाहन गुत्थमगुत्था होंगे। खातीपुरा से आ रहे वाहनों को उज्जैन रोड की ओर मुड़ते वक्त मुश्किल आएगी। यह वाहन ब्रिज पर सीधे जाने वाले वाहनों से टकराएंगे। यहां लेफ्ट टर्न भी संकरा है। इससे स्थिति पहले से ज्यादा मुश्किल हो जाएगी। प्रोजेक्ट : 920 मीटर लंबा ब्रिज फरवरी 2022 में स्वीकृत हुआ
920 मीटर लंबा ब्रिज फरवरी 2022 में स्वीकृत हुआ है। लागत 27 करोड़ है। ब्रिज बाणगंगा-सुखलिया, खातीपुरा रोड पर बनना है। रेलवे ने पीडब्ल्यूडी को जिम्मा दिया है। यह ब्रिज इंदौर-देवास रेलवे लाइन को क्रॉस करेगा। भविष्य में यहां से रेलवे ट्रैफिक बढ़ने की संभावना है। नगर निगम रेलवे लाइन के समानांतर एमआर-4 का निर्माण कर रहा है। यह सड़क सरवटे और आईएसबीटी को सीधे जोड़ेगी। ऐसे में मध्य क्षेत्र से सांवेर रोड जाने वाले भी इस रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) का उपयोग करेंगे। उद्योगपति : मौजूदा स्थान से थोड़ा आगे बनाएं तो जाम से बचेंगे
एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद डफरिया का कहना है, वर्तमान में गौरी नगर-खातीपुरा से औद्योगिक क्षेत्र में सभी तरह के वाहनों की आवाजाही होती है। इसी में सुबह-शाम क्रॉसिंग के दोनों ओर जाम की स्थिति बनती है, क्योंकि औद्योगिक क्षेत्र और उज्जैन रोड की ओर से आने वाले वाहनों के साथ इनकी गुत्थमगुत्था होती है। ऐसे में यदि यह ब्रिज मौजूदा स्थितियों में बना दिया तो मुश्किल आएगी। इसमें तकनीकी परेशानी है। सभी उद्योगपति इसमें सुधार या इसे बंद करके ब्रिज के आगे बन रहे एमआर-4 के साथ ही इसे अन्य स्थान पर बनाने की बात कह रहे हैं, क्योंकि भविष्य में यह ब्रिज शहर से एमआर-4 होकर औद्योगिक क्षेत्र आने-जाने वाले वाहनों के लिए भी अहम होगा। पीडब्ल्यूडी अडिग :वर्तमान डिजाइन के अनुसार ही बना रहे
पीडब्ल्यूडी ब्रिज सेल के प्रभारी दीपेश गुप्ता का कहना है, ब्रिज को वर्तमान डिजाइन के अनुसार ही बना रहे हैं। जगह के लिए दोनों ओर आवश्यकता अनुसार जगह लेने के लिए प्रस्ताव बनाए हैं। इसे उज्जैन रोड पर यू टर्न लेकर उतारेंगे। इससे किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
एक्सपर्ट : तकनीकी स्टडी के बाद ही निर्माण शुरू करें
आर्किटेक्ट प्लानर अतुल सेठ के मुताबिक मार्जिन एरिया में ब्रिज उतारने की गलती इंदौर में एजेंसियां लगातार कर रही हैं। यहां भी यही दिक्कत है। एमआर-4 के स्पान को एक समान बनाएं। उज्जैन रोड की ओर वाली भुजा तकनीकी अध्ययन के बाद ही बनाएं। यू टर्न का विकल्प जाम बढ़ाएगा। दूसरा यहां वाहनों की आवाजाही राइट, लेफ्ट टर्न व सीधे मरीमाता की ओर होती है। ऐसे में वाहनों को घूमने के लिए भी जगह चाहिए होगी। दूसरी ओर भी सड़क संकरी है। इसे बनाने से पहले एमआर 4 बनने के बाद ट्रैफिक सर्वे और तकनीकी सलाह लेनी चाहिए। नहीं तो भविष्य में राजेंद्र नगर जैसी स्थिति यहां भी बनेगी।