हबीबगंज नाके पर बड़ी बाधा दूर:मेट्रो का 400 टन वजनी स्टील ब्रिज 75 हॉर्स पावर की दो मशीनों से लॉन्च

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करीब 184 दिन बाद आखिरकार मेट्रो रेल कंपनी ने हबीबगंज नाके पर रेलवे ओवर स्टील ब्रिज लॉन्च कर दिया है। इसकी शुरुआत के लिए मेट्रो कंपनी ने नर्मदापुरम रोड को हबीबगंज नाका से सांची डेयरी के बीच 3 मार्च को बंद किया था। इसे बनाने का काम 11 मई को शुरू हुआ था। इसे लॉन्च करने के लिए रेलवे ने मेट्रो कंपनी को मंगलवार सुबह 11:30 से 2:30 बजे के बीच का ब्लॉक दिया था। इस दौरान यहां से गुजरने वाली ट्रेनों को डाइवर्ट किया गया था। 22000 बोल्ट लगे हैं ब्रिज में टाइमिंग मैच करवाकर खींचा… आरओबी को खींचने के लिए कंपनी को 75 हॉर्स पावर की दो मशीनों (विंच पुली) का इस्तेमाल करना पड़ा। एक टाइमिंग मैच करवाकर दोनों को पुलिंग वायर की मदद से आरओबी के अगले हिस्से से अलग-अलग बांधकर एक साथ चालू किया गया। क्योंकि यदि किसी भी मशीन में ज्यादा फोर्स जनरेट होता तो ब्रिज का डायमेंशन बिगड़ जाता और वह ट्रैक पर सही नहीं उतरता। इसमें टेक्निकल टीम समेत 50 अधिकारी-कर्मचारी लगे थे। अभी डेढ़ महीने और जारी रहेगा ट्रैफिक डायवर्सन अब रेलवे ट्रैक के दोनों ओर के हिस्से को पहले बन चुके ट्रैक से जोड़ने का काम होगा। इसमें साकेत नगर साइड 48 मीटर लंबा कंपोजिट स्टील ब्रिज बनेगा। गणेश मंदिर तरफ के हिस्से को सीमेंट-कॉन्क्रीट से जोड़ा जाएगा। इसमें डेढ़ महीना और लगेगा। इधर, सुभाष नगर से भोपाल टॉकीज रूट जमीनों के मामले कोर्ट में होने से अटका मेट्रो रूट ईरानी डेरा, आइस फैक्टरी आदि को लेकर मेट्रो ने कोई लिखित प्रपोजल ही नहीं दिया सुभाष नगर से लेकर भोपाल टॉकीज तक के मेट्रो रूट को लेकर मंगलवार को हुई अहम बैठक बेनतीजा रही। जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित बैठक में पहुंचे मेट्रो अधिकारियों के अलावा रूट पर आने वाले ईरानी डेरा, पुट्ठा मिल और नर्मदा आइस फैक्टरी के पक्षकार भी पहुंचे। मेट्रो कंपनी ने जिला प्रशासन को लिखित में कोई प्रपोजल नहीं दिया। मेट्रो के अधिकारियों ने कहा कि प्रपोजल हेड ऑफिस भेजा है। उन्होंने बैठक में सिर्फ मौखिक ही जानकारी दी। जमीन के मामले कोर्ट में होने के कारण मामला फिर से उलझता नजर आ रहा है। ईरानी डेरा की करीब 1 एकड़, नर्मदा आइस फैक्टरी की करीब सवा एकड़ और पुट्ठा मिल की करीब 5 एकड़ जमीन को चिह्नित किया गया है। इसके अलावा पातरा से भारत टॉकीज के बीच स्थित आरा मशीनों को भी शिफ्ट किया जाना है। पूरी जमीन सरकारी -एसडीएम लक्ष्मीकांत खरे ने बताया कि राजस्व के रिकॉर्ड ये तीनों जगह सरकारी जमीन हैं। ईरानी डेरा की जमीन पर रजिस्ट्री हुई हैं। नर्मदा आइस फैक्टरी लीज पर है, तो पुट्ठा मिल का मामला पहले से कोर्ट में है। ऐसे में मेट्रो कंपनी के द्वारा लिखित में प्रपाेजल देने के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। एक महीने में करना है सभी की शिफ्टिंग
एक दिन पहले कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सुभाष नगर से सिंधी कॉलोनी के बीच मेट्रो की प्लानिंग सही ढंग से नहीं करने पर एसडीएम को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी कर एक महीने में इन्हें शिफ्ट करें। इसमें मुख्य रूप से आरा मशीनों का जिक्र किया गया था। उसके बाद ही मंगलवार को बैठक बुलाई थी, हालांकि कोई नतीजा नहीं निकला।