मास्टर प्लान-2005 के लिए भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडीए) अब ग्राम बावड़ियाकलां की 132 एकड़ जमीन पर लैंड पूलिंग स्कीम लेकर आ रहा है। इस स्कीम के तहत 407 भूस्वामियों की जमीन लेकर बीडीए इसे डेवलप करेगा। डेवलप की गई जमीन का 50% हिस्सा भूस्वामी को लौटा दिया जाएगा। बाकी 50% हिस्से में मास्टर प्लान की तीन सड़कें, खेल मैदान-पार्क और सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जाएंगे। इस स्कीम में उस बड़े मसले का हल भी निकाला जा रहा है, जो बावड़ियाकलां आरओबी-2 से जुड़ा है। ये आरओबी पीडब्ल्यूडी (ब्रिज) को बनाना है, जो बावड़ियाकलां फाटक के पास से शुरू होकर आशिमा मॉल के सामने लैंड होगा। इसकी 200 फीट चौड़ी अप्रोच रोड पीडब्ल्यूडी (रोड) को बनाना थी। ये सड़क अपोलो सेज हॉस्पिटल से शुरू होकर बावड़ियाकलां फाटक तक जाएगी। करीब .9 किमी लंबी रोड के जमीन अधिग्रहण पर ही करीब 60 करोड़ रुपए खर्च निकल रहा था। करीब इतना ही खर्च आरओबी बनाने में भी आता। दावे-आपत्तियों के लिए तीन महीने का वक्त निर्धारित बावड़ियाकलां आरओबी-2 की अप्रोच रोड की अड़चन खत्म इस पर पीडब्ल्यूडी को जमीन अधिग्रहण में खर्च करने पड़ते 60 करोड़ रुपए लैंड ऑर्डर सर्वे के बाद तय होगा
अभी बीडीए की टीम इस पूरे 132 एकड़ क्षेत्र में सर्वे करवाने की योजना बना रहा है। स्कीम के नियमों के तहत होने वाले इस सर्वे में तमाम बाधाएं देखी जाएंगी। इसके बाद सड़क, सीवेज लाइन, पानी की पाइप लाइन, पार्क, खेल मैदान की प्लानिंग की जाएगी। इस लैंड ऑर्डर से ही प्लॉट, उनके आकार और दिशा तय की जाएगी। इसके बाद दावे-आपत्तियों के लिए करीब 3 महीने का वक्त निर्धारित किया जाएगा। इस दौरान यदि दावे-आपत्ति नहीं आते हैं तो बीडीए काम शुरू कर देगा। अफसरों को फायदा, बीडीए का नुकसान
सूत्रों का कहना है कि अपोलो सेज हॉस्पिटल के आसपास कई अफसरों की भी जमीनें हैं। ये अफसर भी उन 407 भूस्वामियों में शामिल हैं, जिनकी जमीन लैंड पुलिंग के तहत बीडीए ले रहा है। इस जमीन के 50% हिस्से को बीडीए डेवलप करेगा तो इस जमीन की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी। हालांकि, टीएंडसीपी ने अपोलो सेज हॉस्पिटल के पास से भी एक 24 मीटर चौड़ी रोड की मंजूरी ली है। इसलिए इस हिस्से को भी बीडीए बनाएगा। इसी कारण अब 20% के बजाए 15% डेवलप हिस्सा ही बीडीए को मिलेगा।