राजस्व के पेडिंग मामलों की स्थिति कुछ सुधरी है। महाअभियान के पहले भोपाल 52 जिलों में से 52वें नंबर पर था। अब यह 31वें नंबर पर आ गया है। रेड जोन से तो यह बाहर आ गया है, लेकिन अब भी बॉर्डर लाइन पर बना हुआ है। मामलों को डिस्पोजल करने में गोविंदपुरा संभाग 96% के साथ टॉप पर है। दूसरे नंबर पर टीटी नगर संभाग टारगेट को करीब 84% पूरा कर चुका है। इसके अलावा बैरागढ़, हुजूर, कोलार, बैरसिया, एमपी नगर और शहर की स्थिति ठीक नहीं है। यहां पर 30 से लेकर 50% तक मामले पेडिंग की लिस्ट में है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रदेश भर में राजस्व के पेडिंग मामलों को हल करने के लिए महाअभियान शुरू किया गया था। यह 31 अगस्त को पूरा हो गया है। इसके बाद भोपाल 31वें पायदान पर है। भोपाल में नक्शे के 2.9 लाख में से 1.70 लाख और ई-केवाईसी के 2.48 लाख में से 2.58 लाख मामले पेंडिंग हैं। असल में गोविंदपुरा और टीटी नगर को छोड़ दिया जाए तो सभी संभागों में टारगेट को लेकर ज्यादा काम नहीं हुआ है।