पर्यूषण महापर्व के दौरान हाईलिंक सिटी स्थित कल्पतरु धाम पर त्याग, तपस्या और संयम का संदेश दिया जा रहा है। मंगलवार को कल्पसूत्र के वाचन में श्रावक-श्राविकाएं भाव-विभोर हो गए तो माता त्रिशला के 10 स्वप्न का स्मरण भी कराया गया। बुधवार को भगवान महावीर जन्म का वाचन किया जाएगा। श्री धरणीधर पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर श्री संघ और मंदिर ट्रस्टअध्यक्ष पुंडरीक पालरेचा ने बताया कि पर्यूषण महापर्व का आयोजन चल रहा है, यहां पर साध्वी संवेगना श्रीजी महाराज सा ने श्रावक-श्राविकों को मनुष्य के शरीर एवं उनके लक्षण के बारे में बताया। साध्वीश्री ने कहा कि राजा-महाराजाओं के 32 लक्षण और देवता और तीर्थंकरों के 1008 चिन्ह हाथ पैर की रेखाओं में बनते हैं। प्रवचन के दौरान नक से लेकर सिक तक शरीर के अंगों की व्याख्या और उनकी रेखाओं आकृतियों पर अलग-अलग विवरण सुनाया गया। कल्पसूत्र वाचन में भगवान महावीर की माता त्रिशलाजी के 14 स्वप्न हाथी, वृषभ, महालक्ष्मी, शेर , सूर्य, चंद्र आदि मांगलिक स्मरण भी सबके बीच बताए गए, वहीं 10 उपसर्ग और 27 भव के बारे में विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से दिनेश पोरवाल, शांतू पालरेचा, मुकेश चोपड़ा, झमक चौरडिया, सुधा बम, रितु लोढ़ा आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। अध्यक्ष पुंडरीक पालरेचा ने बताया कि 4 सितंबर को मंदिर परिसर में भगवान महावीर के जन्म का वाचन कर उत्सव मनाया जाएगा। पालना झुलाया जाएगा। इसके लिए ट्रस्ट परिवार के 50 से ज्यादा सदस्य अलग-अलग समूह में विभिन्न व्यवस्थाओं सुचारू बनाए हुए हैं। आगमन से लेकर प्रवचन व्यवस्था और फिर उत्सव में अलग-अलग इकाइयों के द्वारा व्यवस्थाएं सुचारू की जाएंगी। शाम को भक्ति का विशेष आयोजन छत्रपति नगर में रखा गया है।