शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सड़क, नाली से लेकर जमीन विवाद के मामले को लेकर लोग मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई में आते है। उन्हें उम्मीद रहती है कि कलेक्टर के पास जाएंगे तो हमारी समस्या खत्म हो जाएगी। लेकिन महीनों, सालों तक उनकी समस्या का निराकरण नहीं हो पता है। हालत यह है कि जिले में अफसर सिर्फ टाइमपास कर रहे हैं। जनसुनवाई में आमजन की समस्या को देखते हुए इस बार कांग्रेस भी भड़क गई। कांग्रेस नेता मल्लू राठौर रचना तिवारी, हेमलता पालीवाल आदि ने कलेक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया। उनके साथ कई शिकायतकर्ता मौजूद रहे। कांग्रेस सहित नागरिकों ने सरकार, प्रशासन को लेकर नारेबाजी की। कहा कि जब समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो जनसुनवाई को बंद कर दिया जाए। गौरतलब है कि, 95 फीसदी अफसर पड़ोसी जिले खरगोन, बड़वानी और अलीराजपुर से ताल्लुक रखते हैं। इधर, सच्चाई यह है कि कलेक्टर अनूपसिंह का अफसरों पर नियंत्रण नहीं है। उनके अधीनस्थ उनकी सरलता का फायदा उठाते हैं। 3 साल के कार्यकाल के दौरान कलेक्टर अनूपसिंह ने किसी भी अफसर पर कार्रवाई नहीं की। जनसुनवाई हो या सीएम हेल्पलाइन के मामले किसी को कारण बताओ नोटिस तक जारी की नहीं किया। यहां तक कि कई मामलों में अधीनस्थ अफसर भी उन्हें गुमराह कर देते हैं। आमजन यहीं चाहता है कि उनकी समस्याएं सुनी जाए, समय पर निराकरण किया जाए।