मऊगंज जिले में लगातार बारिश ने भले ही किसानों के चेहरे पर रौनक ला दी है। लेकिन प्रशासन की अनदेखी और जल संसाधन विभाग की लापरवाही के चलते नन्दनपुर बांध के पास के दर्जन गांव में रहने वाले हजारों लोगों में दहशत का माहोल है। 2005 में बना था नन्दनपुर बांध दरअसल, नन्दनपुर बांध का 2005 में निर्माण कार्य कराया गया था। जो कि कई वर्षों से जल संसाधन विभाग के द्वारा मेंटेनेंस के अभाव में अब खतरनाक स्थिति में है। वही बांध के रिसाव से लोगों में भयावह स्थिति बनी हुई है। लोगों का मानना है कि बांध टूटने की कगार पर है। अगर बांध टूटा तो तबाही मचना तय है। बांध टूटने पर आसपास के गांव खतरे में आएंगे गौरतलब है कि नंदनपुर बाँध के निचले इलाके नरैनी पहाड़, आमोखर, रकरी, बरहटा, घोरहा, पतियारी सहित कई गांव है और अगर यह बांध टूटा तो इन गांव में लोगों को मुश्किल हो सकती है। बीते सप्ताह विकास कार्यों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। जिसमें जिले की समस्याओं पर क्षेत्रीय विधायक ने कई निर्माण कार्यों के मामले पर गम्भीरता से चर्चा की है। ‘प्रशासन नजर बनाए हुए है’ तहसीलदार दीपक तिवारी ने बताया कि बांध के मुख्य गेट में हल्का रिसाव है। वर्तमान में बारिश बंद होने से जलस्तर भी गिरा है। पानी रिसाव में भी कमी आई है। एहतियात के तौर पर प्रशासन नजर बनाए हुए है। एसडीएम ने बांध का निरीक्षण किया एसडीएम बीके पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 अगस्त मंगलवार को बांध का निरीक्षण किया है। बांध के मुख्य निकासी गेट पर पानी रिसाव देखने में मिला है। जिस पर जल संसाधन विभाग को सुधार कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल स्थितियां सामान्य हैं।