मुरैना के सिविल लाइन थाने की हवालात में बालकृष्ण उर्फ शनि की मौत के बाद उसके परिजनों ने मंगलवार को SP ऑफिस का घेराव कर प्रदर्शन किया। इस मौके पर कांग्रेस की जिला अध्यक्ष एवं पदाधिकारी सहित सैकड़ो की संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता एवं ग्रामीण मौजूद थे। बता दें कि, मुरैना की सिविल लाइन थाना पुलिस मुरैना की अंबेडकर कॉलोनी में रहने वाले 30 वर्षीय नौजवान बालकृष्ण उर्फ शनि को पकड़ कर लाई थी। उसके साथ में सुल्तान नामक एक व्यक्ति को भी पकड़ कर लाई थी। इसके अलावा तीन अन्य लोगों को भी पकड़ कर लाई थी। इन सभी लोगों को 8 महीने पहले अशोक जाटव नामक एक बदमाश की हत्या का आरोप है । 1 तारीख की सुबह 6:00 बजे के लगभग बालकृष्ण उर्फ शनि नामक हवालाती ने सिविल लाइन थाने की हवालात के शौचालय में खिड़की से लटक कर फांसी लगा ली थी। सुबह जब थाने के आरक्षकों ने देखा तो थाना प्रभारी रामबाबू यादव को सूचना दी। रामबाबू यादव ने तुरंत दो आरक्षकों को मृतक के घर ग्वालियर के जलालपुर रोड स्थित लक्ष्मणपुरा भेजा तथा घरवालों को सूचना दी। घरवाले जब मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनका आदमी खत्म हो चुका है। उसके बाद सभी घरवालों ने भीम आर्मी तथा कांग्रेस के नेतृत्व में प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने प्रदर्शन के बीच में ही मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया और उसी दिन शाम को उसके मृत शरीर की अंत्येष्टि करवा दी। पुलिस को इस बात का डर था कि कहीं मामला बिगड़ न जाए और पुलिस को लेने के देने न पड़ जाए। भारी संख्या में पुलिस बाल लक्ष्मणपुरा गांव शव को लेकर पहुंचा और जल्दी से उसका दाह संस्कार करवा दिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंची बात कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने मृतक के बड़े भाई कल्लू से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की बात करवाई जिसमें उसने बताया कि थाना प्रभारी ने 500000 की मांग की थी जिसमें से 110000 रुपए दिए जा चुके हैं। उसके भाई के साथ लॉकअप के अंदर मारपीट की गई है तथा टॉर्चर किया गया है। यह आत्महत्या नहीं है बल्कि हत्या है। इसके लिए दोषी पुलिस वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए SP ऑफिस का किया घेराव कर की नारे बाजी सैकड़ो की संख्या में मंगलवार को लक्ष्मणपुर गांव के ग्रामीण जिनमें जलालपुर गांव के ग्रामीण भी शामिल थे। उनके साथ में कांग्रेस की तरफ से शहर जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा तथा ग्रामीण के जिला अध्यक्ष मधुराज सिंह तोमर अपने सैकड़ो कार्यकर्ताओं को लेकर एसपी ऑफिस पहुंचे जहां उन्होंने थाना प्रभारी रामबाबू यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। उसके बाद उन्होंने अपनी मांगों का विज्ञापन पुलिस अधीक्षक को सौंपा। इसके साथ ही पुलिस को चेतावनी भी दी है कि अगर दोषी थाना प्रभारी रामबाबू यादव एवं अन्य पुलिस वालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।