शहर के साथ गांवों की सड़कें भी जर्जर:भोपाल जिपं सदस्यों ने मंत्री को सौंपी खराब सड़कों की लिस्ट; जल्द सुधारने की मांग

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बारिश की वजह से भोपाल की सड़कें जर्जर हो गई हैं। शहर के साथ गांवों की सड़कें भी खराब है। इसके चलते अब जनप्रतिनिधि आगे आए हैं और सड़कों के सुधार की मांग की है। जिला पंचायत सदस्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय मेहर ने पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह को भोपाल की खराब सड़कों की लिस्ट भी सौंपी है। जिन्हें जल्द ठीक कराने की मांग की है। भोपाल जिपं सदस्य मेहर ने बताया कि बैरसिया ब्लॉक की कई गांवों में सड़कों की हालत खस्ता है। इनके मरम्मत एवं डामरीकरण की मांग को लेकर मंत्री सिंह से उनके निवास पर जाकर खराब सड़कों की नाम की लिस्ट सौंपी। मंत्री सिंह को बताया कि बैरसिया ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं मजीरे टोल की कच्ची सड़कों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत स्वीकृत की जाए। साथ ही खराब सड़कों पर डामरीकरण हो। ताकि, ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी नहीं हो। अभी सड़कों पर चलना मुश्किल हैं। इन सड़कों की डामरीकरण की मांग
निदानपुर पंचायत की चौकी से निदानपुर टोला तक, चौकी से ग्राम खितवास तक, सोहाया जोड़ से पनिया गांव तक, कडैयाशाह से हिम्मतबाबा मंदिर मार्ग होते हुए ग्राम सलौई तक, रानी खजूरी से चक तक, सालाखेड़ी से बुगली तक, भूरी पइार से जमूसर तक, खितवास से जूना पानी तक, सलौई से उमरबाड़ी तक और चौकी से ग्राम गौंडीपुरा तक। भोपाल में चल रही गड्‌ढों में ‘कागज की नाव’
बता दें कि राजधानी के कई इलाकों में गड्‌ढों में सड़कें ढूंढना पड़ रही हैं। सबसे ज्यादा निगम की सड़क खस्ताहाल है। नगर निगम की करीब 4 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें हैं। एमपी नगर, होशंगाबाद रोड, बांसखेड़ी, दानिशकुंज, बीडीए, अवधपुरी, दानिश चौराहा, मंदाकिनी समेत कई प्रमुख सड़कें ऐसी हैं, जहां से हर रोज लाखों लोग गुजरते हैं। बावजूद सड़कों की हालत नहीं सुधारी गई है। यही कारण है कि अब लोगों का गुस्सा फूट रहा है। सोमवार को ऐशबाग इलाके में प्रदर्शन किया गया था। लोगों ने सड़क के गड्‌ढे में कागज की नाव भी चलाई थी। यही हाल गांवों की सड़कों के भी है।
मंत्री को सौंपा आवेदन