जिले में एरण के साथ ही पुरातत्व सामग्री भरी पड़ी है लेकिन लोग इसके संबंध में ज्यादा नहीं जानते और पुरातत्व सामग्री संग्रहालय में कैद होकर रह गई है। अब इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए स्कूल स्तर से अभियान शुरू किया जाएगा। इसके लिए जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद म्यूजियम चलो अभियान शुरू करेगी। इसमें स्कूली छात्र-छात्राओं को जिला पुरातत्व संग्रहालय का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि स्कूली जीवन से ही बच्चों में पुरातत्व के प्रति जिज्ञासा जागे और शोध बढ़ें। स्कूली छात्र-छात्राएं शुरुआत से ही अपनी सांस्कृतिक विरासत को जानें और उस पर गर्व करें। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के साथ मिलकर जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद सागर द्वारा यह अभियान आरंभ किया जा रहा है। जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद ने यह पहल की है ताकि बच्चे अपनी पुरातन प्रतिमाओं के संबंध में जानें, समझें आैर पुरातत्व संग्रहालय का उपयोग बढ़े। जिला पुरातत्व संग्रहालय पहले दो शेर बंगला में था। अब इसे शहर के बीच में तालाब के किनारे पुरानी डफरिन में लाया गया है। यह हेरीटेज भवन है तथा संचालनालय मध्य प्रदेश पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय से संरक्षित स्मारक है। बावजूद इसके इसे देखने समझने के लिए यहां आने वालों की कमी है। अभी तक कुछ शोध छात्र-छात्राओं को छोड़कर आमतौर पर पर्यटक एवं दर्शक कम ही आते हैं। तालाब में जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा क्रूज भी चलाया जा रहा है। ‘म्यूजियम चलो अभियान’ में छात्र- छात्राएं क्रूज पर भ्रमण कर सकेंगे। विद्यार्थियों में जानकारी जुटाने की लालसा बढ़ेगी पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी व अपर कलेक्टर रूपेश उपाध्याय ने बताया कि म्यूजियम चलो अभियान शुरू किया जा रहा है। इसमें म्यूजियम की प्रतिमाएं देखने के साथ ही बच्चे क्रूज का भ्रमण कर सकेंगे। प्रतिमाओं को देखने के बाद बच्चों में ज्यादा जानकारी जुटाने की लालसा बढ़ेगी। वे ज्यादा खोजेंगे। भविष्य में शोध की ओर जाएंगे, जिससे पुरासंपदा पर नई जानकारी सामने आएगी। 2000 साल से अधिक पुरानी सामग्री पुरानी डफरिन अस्पताल में चल रहे पुरातत्व संग्रहालय में दो हजार साल से अधिक पुरानी विभिन्न प्रकार की मूर्तियां एवं अन्य सामग्री है। इसमें अनेक प्रतिमाएं दुर्लभ श्रेणी में आती हैं। जिले की पुरातत्व विरासत को संजो के रखने के लिए यह पुरातत्व संग्रहालय प्रमुख स्थान है। इसके साथ ही विस्तृत तालाब है। इसके किनारों पर सागर के मंदिर घाट, किला आदि की विरासत है।