गुदरावन में श्रीमद् भागवत कथा का समापन:अंतिम दिन कृष्ण-सुदामा प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु

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आगर मालवा जिले के गुदरावन में जारी श्रीमद भागवत कथा का सोमवार को समापन हो गया। विश्रांति के अवसर पर सोमवार को पंडित मनोज नागर ने बताया गया कि आंवला नवमी जो कार्तिक महीने में आती है। उस दिन सतयुग का आरंभ हुआ था। वैशाख शुक्ल तृतीया को त्रेता युग का जन्म हुआ और मौनी अमावस्या को द्वापर युग का जन्म और भादवा की तेरस के दिन कलयुग का जन्म हुआ था। चार अक्षयवट हैं, चार वर्ण चार दिशाएं, चार शंकराचार्य, चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष हैं मुख्य चार श्लोक हैं। कथा यजमान को खुश करने के लिए नहीं भगवान को खुश करने के लिए होना चाहिए। कथाकार ने आज कृष्ण सुदामा का प्रसंग रोचक तरीके से प्रस्तुत कर सभी को भाव विभोर कर दिया। शाम 6:00 बजे श्रीमद् भागवत की शोभायात्रा गांव के प्रमुख मार्गों से निकाली गई। जिसका जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। अंत में श्रीमद् भागवत माता का पूजन-आरती कर कथा का समापन हुआ।