रीवा में हर साल गणेश उत्सव का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। जानकारी के मुताबिक गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तिथि तक चलता है। कई लोग भगवान गणेश की मूर्ति घर या मोहल्लों में स्थापित भी करते हैं। रीवा के अमहिया में विशेष रूप से बड़ा आयोजन किया जाता है। जहां भगवान गणेश की विशाल प्रतिमा विराजमान की जाती है। साथ ही कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। जिसकी तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। भगवान गणेश के जन्मोत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी का उत्सव पूरे 10 दिनों तक चलता है। इस बार 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना होनी है। जिसको लेकर रीवा में तैयारी शुरू हो गई है। रीवा के मार्केट में छोटी से लेकर बड़ी रंग-बिरंगी गणेश प्रतिमाएं खरीदी के लिए नजर आने लगी हैं। हमने रीवा के कुछ ऐसे मूर्ति व्यापरियों से बात की जो सालों से गणेश प्रतिमा बनाते हैं। रामलला की मूर्ति की तर्ज पर गणेश प्रतिमा खन्ना चौराहे में दुकान चलाने वाले मूर्ति व्यापारी पवन तिवारी ने बताया कि मैं गणेश प्रतिमा बनाने का काम पिछले 10 सालों से कर रहा हूं। हम हर साल 500 से अधिक मूर्तियां बेचते हैं। हमारी दुकान पर 1 फीट से लेकर 11 फीट ऊंचाई की गणेश प्रतिमाएं मौजूद हैं। मूर्ति का निर्माण हम रामनगर की चिकनी मिट्टी से करते हैं। जो नदियों और तालाबों के किनारे पाई जाती है। इस बार सबसे अधिक डिमांड रामलला की मूर्ति की तर्ज पर बनाई गई गणेश प्रतिमा की है। वैसे तो कारीगरी के हिसाब से हर गणेश प्रतिमा अपने आप में बेहद खास है। लेकिन रामलला की मूर्ति की तर्ज पर बनाई गई प्रतिमा हमारी मुख्य वैरायटी है। गणेश प्रतिमा बनाने का पुस्तैनी कारोबार मानस भवन परिसर में मौजूद दुकान के मूर्ति व्यापारी शुभम चौधरी ने बताया कि हम 25 साल से गणेश प्रतिमा बनाने का काम कर रहे हैं। हमसे पहले पुस्तैनी काम को हमारे पिताजी किया करते थे। आम तौर पर अपनी दुकान के लिए 1 से 6 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं बनाते हैं। लोगों के ऑर्डर पर 11 से 12 फीट की भी गणेश प्रतिमाएं बना देते हैं। हमारी दुकान पर 7 हजार रूपए से शुरू होकर 20 हजार कीमत तक की गणेश प्रतिमा उपलब्ध हैं। 12 फीट तक की गणेश प्रतिमाएं मानस भवन परिसर में मौजूद दुकान के मूर्ति व्यापारी धीरेन्द्र लखेड़ा ने बताया कि हम पिछले 10 सालों से गणेश प्रतिमा बनाने का काम कर रहे हैं। हमारी दुकान पर 3 फीट से लेकर 12 फीट तक कि गणेश प्रतिमाएं उपलब्ध हैं। 1 हजार रूपए से लेकर 40 हजार रूपए तक कीमत की मूर्तियां दुकान में उपलब्ध हैं। नदी-तालाबों के किनारे मिलने वाली चिकनी मिट्टी कर रहे उपयोग जय स्तम्भ चौराहे में दुकान चलाने वाले मूर्ति व्यापारी संतोष कुशवाहा ने बताया कि हम पिछले 10 सालों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं। हम बंगाली कारीगरों से मूर्तियां बनवाते हैं और फिर बेचते हैं। मिट्टी(चिकनी मिट्टी) जो तालाबों के किनारे पाई जाती है, उसे मूर्तियां बनाई जाती हैं।मिट्टी डीलर के जरिए खरीदते हैं।