इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन परियोजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। 309 किलोमीटर लंबाई में रेल लाइन बिछाई जाएगी। इस मुद्दे को लेकर राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी कई बार सदन में रेल लाइन की मांग करते आए हैं। इस परियोजना से इंदौर से मुंबई के बीच की दूरी कम हो जाएगी। अभी इंदौर से गुजरात होकर ट्रेन मुंबई जाती है। इस परियोजना से निमाड़ क्षेत्र को भी लाभ होगा। राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी ने बताया, परियोजना पर केंद्र सरकार 18 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस परियोजना के महाराष्ट्र वाले हिस्से का काम शुरू हो चुका है, लेकिन अब मध्य प्रदेश के हिस्से में भी काम होगा। पिछले साल इस परियोजना के लिए रेल मंत्रालय ने सर्वे भी कराया था। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट साल भर पहले ही तैयार हो गई थी। मनमाड़ से धुले के बीच 60 किलोमीटर लंबाई में काम शुरू हो चुका है। इस ट्रेक पर 300 से ज्यादा छोटे-बड़े ब्रिज, 25 से ज्यादा स्टेशन बनेंगे। इसके अलावा घाट सेक्शन में सुरंगें भी बनेंगी। छह जिलों को फायदा
राज्यसभा सांसद ने बताया कि इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट से इंदौर, धार, बड़वानी, खरगोन जिले को फायदा होगा। इसके अलावा महाराष्ट्र के धुले और नासिक जिले को भी फायदा होगा। पीथमपुर से रेल मार्ग से माल ढुलाई में आसानी होगी। इसके अलावा मांडू, महेश्वर जैसे पर्यटन क्षेत्र भी रेल के नक्शे पर आ सकेंगे। निमाड़ के किसानों को अपनी उपज महाराष्ट्र तक पहुंचाने में आसानी होगी। इंदौर से 100 किलोमीटर दूरी कम हो जाएगी
राज्यसभा सांसद ने बताया कि अभी इंदौर से मुबंई के बीच रेल मार्ग की दूरी 650 किलोमीटर है, लेकिन इंदौर मनमाड़ रेल लाइन के बाद दूरी 100 किलोमीटर घट जाएगी। इससे यात्रियों को समय और पैसे दोनों की बचत होगी। रेलवे को भी फायदा होगा। राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी का कहना है कि मेरे द्वारा इंदौर मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट के लिए सदन में कई बार मांग की गई थी इसको लेकर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था। उन्होंने इस रेल लाइन के महत्व को समझा और प्रोजेक्ट मंजूर किया। अब इंदौर रेलवे का भी हब बन जाएगा। इंदौर से दक्षिण के राज्यों के अलावा महाराष्ट्र के राज्यों की कनेक्टिविटी हो जाएगी।