नेत्रदान पखवाड़ा के तहत विभिन्न आयोजन हो रहे हैं। राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत निजी व सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद ऑपरेशन भी होते हैं। इसके एवज में सरकार प्रति ऑपरेशन भुगतान भी करती है। मोतियाबिंद ऑपरेशन की संख्या देखें तो सरकारी अस्पताल इस मामले में पीछे हैं। जिले में कुल 16 हजार से अधिक ऑपरेशन हुए लेकिन जिला अस्पताल में सिर्फ 93 ऑपरेशन हुए हैं। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम सीएमएचओ के अधीन चलता है। उनके पास शहर में ही कहने को 40 से ज्यादा संस्थाएं हैं, लेकिन निजी अस्पतालों में हजारों की संख्या में ऑपरेशन किए जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग ने भी एक हजार से अधिक ऑपरेशन किए हैं। मरीजों को लाने ले जाने के लिए वैन की मांग की
एमजीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध 2 अस्पतालों में आंखों का इलाज होता है। एमवाय अस्पताल के नेत्र रोग विभाग और स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई में ऑपरेशन किए जा रहे हैं, लेकिन मरीजों को लाने ले जाने के लिए उनके पास कोई गाड़ी नहीं है। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर आई के प्रबंधन ने नई गाड़ी की मांग की है। उधर, सरकारी अस्पतालों द्वारा शिविर लगाना बंद किया जा चुका है।