परिजन को बिना बताए शनिवार को शिप्रा नदी में नहाने गए चार बच्चों में से दो बह गए। रातभर उनकी सर्चिंग चली। अगले दिन रविवार को चार घंटे की मशक्कत के बाद दोनों के शव निकाले गए। लोगों ने बताया कि चारों बच्चे बाहर जाने का बोलकर घर से निकले थे और नदी तरफ पहुंच गए। पहले एक डूबने लगा तो दूसरे ने उसका हाथ पकड़ लिया। इससे दोनों बह गए। पुलिस ने मर्ग कायम किया है।
शिप्रा पुलिस के अनुसार मृतकों के नाम महेश उर्फ कुकु (16) पिता दिनेश रावत और सूरज (17) पिता नाथूलाला दायना निवासी ग्राम पलासिया हैं। घटना शनिवार दोपहर करीब 1 बजे की बताई जा रही है। पलासिया गांव के चार नाबालिग घर पर घूमने जाने का बोलकर मंडलावदा गांव के पास स्थित शिप्रा नदी पर पहुंच गए। महेश को तैरना नहीं आता था, इसलिए वह किनारे खड़ा था, जबकि सूरज तैराक था। नहाने के दौरान सूरज ऊपर से कूदा और महेश को भी नहाने ले गया। इसी दौरान महेश डूबने लगा तो सूरज उसे बचाने गया। इस दौरान दोनों डूब गए। दो अन्य दोस्त डरकर घर पहुंच गए। उन्होंने किसी को घटना के बारे में नहीं बताया। पुलिस ने पूछा तो बोले- दोनों डूब गए
देर शाम तक जब बच्चे नहीं लौटे तो परिजन को चिंता हुई। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। रात को पुलिस गांव में पहुंची। आशंका के आधार पर दोनों नाबालिगों से पूछताछ की। तब उन्होंने बताया कि वे दोनों नदी में नहा रहे थे और अचानक डूब गए। इसके बाद गांव वाले रात में ही नदी पर पहुंचे और अपने संसाधनों से नदी में रातभर ढूढ़ते रहे, लेकिन अंधेरा होने से उन्हें कोेई सफलता नहीं मिली। रविवार सुबह पुलिस ने एचडीआरएफ की टीम को बुलवाया। टीम की मदद से महेश का शव ढूंढ निकाला गया। दो-चार घंटे बाद सूरज का शव भी बाहर निकाला गया।
4-4 लाख की आर्थिक सहायता
इस घटना को लेकर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने शोक जताया है। सिलावट ने बताया शासन द्वारा दोनों पीड़ित परिवारों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।