इंदौर में अरसे बाद फिर संघ की पाठशाला लगेगी। इसमें विद्यार्थी होंगे उसके सभी अनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी। सितंबर के आखिर में लगने वाली इस पाठशाला में डेढ़ से दो दिन तक 200 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें संघ के प्रमुख पदाधिकारी बताएंगे कि समाज के बीच अपनी बात कैसे रखें, कैसे लाेगाें काे जोड़ें और हर वर्ग को कैसे एकजुट करें। इस खास अभ्यास (समन्वय) वर्ग में संघ के लगभग सभी अनुषांगिक संगठनों के चुनिंदा पदाधिकारी शामिल रहेंगे। इसमें भाजपा और एबीवीपी के भी पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। भाजपा से नगर अध्यक्ष के साथ दोनों महामंत्री को आमंत्रित किया जाएगा। अभ्यास वर्ग में संघ के प्रमुख पदाधिकारी व स्वयंसेवकों के साथ विज्ञान भारती, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भाजपा एबीवीपी, सेवा भारती, राष्ट्रीय सेविका समिति, मजदूर संघ, किसान संघ, ग्राहक पंचायत सहित अन्य संगठनों के अपेक्षित कार्यकर्ता शामिल हाेंगे। इस तरह का अभ्यास वर्ग अंतिम बार 6 वर्ष पहले लगा था। उसमें 4 हज़ार सदस्य शामिल हुए थे। अनुशासन, समाज काे जोड़ने व त्योहारों पर रहेगा फोकस अभ्यास वर्ग में संघ का फोकस तीन प्रमुख बातों पर रहेगा। पहला अनुशासन हाेगा। संघ के वर्ग में भी अनुशासन का उदाहरण देखने को मिलेगा। समाज के बीच पैठ बढ़ाने, हिंदू समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाकर उनकी समस्याओं का समाधान करने पर चर्चा हाेगी। बैठक में संघ के मालवा प्रांत के पदाधिकारी संबोधित करेंगे। वक्ता के तौर पर एक बड़े राष्ट्रीय पदाधिकारी भी पहुंच सकते हैं। दरअसल, संघ का फोकस मालवा प्रांत पर ज्यादा है। यही वजह है कि 4 दिवसीय बड़ी बैठक भी इंदौर में हुई थी। जनवरी में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत की मौजूदगी में भी घोष वादन भी होने वाला है।