लोकमाता देवी अहिल्या बाई होलकर का शासनकाल इतिहास का गौरवशाली पृष्ठ है। माता के सामने चुनौतियों के पहाड़ खड़े हुए थे लेकिन अपनी बुद्धिमत्ता और लोकहित की भावना सूबेदार मल्हार राव होलकर की शिक्षा और प्रशिक्षण को अंगीकार कर उन्होंने सुशासन की ऐसी मिसाल पेश की जिसका उदाहरण आज भी दिया जाता है। आज उनकी पुण्यतिथि पर इतने बड़े पैमाने पर आयोजन का होना ही उनके लिए श्रद्धा को दर्शा रहा है। राज्य शासन ने भी देवी अहिल्या उत्सव समिति बनाई है और इसके माध्यम से देश और प्रदेश में देवी अहिल्या बाई होलकर की याद में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन पर सदा भगवान शिव की कृपा रही और वे सबकी आई बन गई। हम सब भी उनके सद्कार्यों को आगे बढ़ाने में मददगार बनें। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को कही। वे लोकमाता अहिल्या बाई होलकर की 229 वीं पुण्यतिथि पर देवी अहिल्या उत्सव समिति ने रविवार को गांधी हॉल में आयोजित गुणीजन सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। विशेष अतिथि शिव गंगा अभियान के प्रमुख महेश शर्मा ने कहा कि जहां जहां भी समाज पीड़ित था, वहां देवी अहिल्या बाई होलकर ने कार्य किए। आज उनके लोक सेवा कार्यों को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उनके पुण्य कार्यों की महक आज भी सुवासित है। जो उन्होंने किया, समाज को बदला, वैसे ही राज्य का निर्माण हम सभी मिलकर करें, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पद्मभूषण सुमित्रा महाजन ने कहा कि देवी अहिल्या बाई का पुण्य आज भी बना हुआ है। हम सभी उनके पुण्य कार्यों को पूरा करने में मदद करें। समाजसेवी श्रीकांत वासुदेव कुलकर्णी का सम्मान आयोजन में यशवंतराव होल्कर, कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित विधायकगण मौजूद थे। इस अवसर पर डेढ़ माह तक चलने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरित किए गए। प्रारंभ में अतिथि स्वागत समिति की अध्यक्ष पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन, संयोजक सांसद शंकर लालवानी, अनिल भोजे, सुधीर देड़गे, अरविन्द जवलेकर, देवेंद्र ईनाणी, योगेश लाभन्ते, कमलेश नाचन, सौरभ खंडेलवाल, मोनिका सबनीस, कंचन गिडवानी, ज्योति तोमर ने किया। स्वागत उद्धबोधन अशोक डागा ने दिया। इस अवसर पर आदिवासी क्षेत्र में काम करने वाले समर्पित समाजसेवी श्रीकांत वासुदेव कुलकर्णी का सम्मान किया गया। श्रीकांत वासुदेव कुलकर्णी के कार्यों के बारे में जानकारी विनीता धर्म ने दी। संचालन प्रकाश पारवानी ने किया एवं आभार नीलेश केदारे ने माना। बरसते पानी में भी राजसी ठाट से निकली भव्य पालकी माता अहिल्या बाई होलकर के प्रति श्रद्धा और आस्था का प्रमाण गांधी हॉल से निकली पालकी यात्रा में देखने को मिला जबकि भारी बारिश में भी पालकी यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने पालकी का पूजन किया। पालकी उठाकर माता अहिल्या बाई होलकर के प्रति अपनी श्रद्धा का समर्पण किया। पालकी यात्रा के संयोजक सांसद शंकर लालवानी, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा व राम मूंदड़ा ने बताया कि पालकी यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और जगह – जगह यात्रा का स्वागत अनेक मंचों से किया गया। रास्ते में लोगों ने माता अहिल्या बाई का पालकी का पूजन कर आरती भी उतारी। सबसे आगे बैंड सुंदर वेशभूषा में अपनी प्रस्तुति देते हुए चल रहा था इस यात्रा में इस बार इस्कान का रथ, बोहरा समाज का बैंड, नेपाली जन आकर्षण का केंद्र रहे। यात्रा में होलकर स्टेट के 14 राजाओं के प्रतीक 14 युवा, मां अहिल्या भक्त मंडल, लोक संस्कृति मंच, बंजारा समाज, दक्षिण भारतीय समाज, बोहरा समाज, पाउल भजन मंडली सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। अहिल्या सेना की युवतियां घोड़ों पर सवार होकर पूरी यात्रा का आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी। अयोध्या के राम मंदिर की झांकी ने भी लोगों का ध्यान खींचा। एक गाड़ी पर मां अहिल्या भक्ति संगठन के अध्यक्ष भजन गायक कमल आहूजा, श्रीधर झरकर, गन्नू महाराज सहित अन्य भजन गायक रास्ते भर भजन की गंगा प्रवाहित करते रहे। यात्रा में झंडा गुरु और मल्हारी मार्तंड व्यायाम शाला के पहलवान अपनी शस्त्र कला का प्रदर्शन करते हुए चल रहे थे। पालकी यात्रा का मार्ग में अनेक स्थानों पर स्वागत मंचों से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। पालकी यात्रा एमजी रोड, कोठारी मार्केट, एमजी रोड थाना, कृष्णपुरा छत्री, राजवाड़ा होते हुए गोपाल मंदिर पर समापन हुआ। पुण्यतिथि पर सुबह अहिल्या प्रतिमा पर हुआ माल्यार्पण देवी अहिल्या बाई होलकर की पुण्यतिथि पर सुबह अहिल्या प्रतिमा पर श्रीमती सुमित्रा महाजन सहित अनेक गणमान्य लोगों और संस्थाओं की ओर से माल्यार्पण किया गया।स्वामी अण्णा महाराज ने पार्थिव शिवलिंग पूजन किया।