प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ईशानगरमें शनिवार की रात करीब 11 बजे एक गर्भवती महिला ने शौचालय में बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के बाद ही नवजात की मौत हो गई। प्रसूता महिला के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में नर्स की ओर से प्रसव कराने के एवज में 2 हजार रुपए मांगे गए थे। जब पैसे नहीं दिए गए तो नर्स ने डिलीवरी नहीं कराई। साथ ही जिला अस्पताल जाने के लिए कह दिया। घटना से नाराज परिजनों ने रविवार को ईशानगर थाना पहुंचकर नर्स सहित अस्पताल के अन्य स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। सीएमएचओ आर पी गुप्ता ने कहा कि इस मामले में जांच पड़ताल की जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी जानकारी के अनुसार, प्रेमबाई पति बालकिशुन आदिवासी (24) निवासी सलैया की रहने वाली है। शनिवार की रात में डिलीवरी के चलते उसके पेट में दर्द हुआ। परिवार के लोग इलाज के लिए उसे रात 11 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ईसानगर लेकर पहुंचे। अस्पताल में ड्यूटी पर पदस्थ नर्स ने महिला के पति बालकिशुन आदिवासी से 2 हजार रुपए की मांग की। उसके पति ने गिड़गिड़ाते हुए हाथ पांव जोड़े। फिर भी नर्स नहीं मानी। इसके बाद उसे वहां से भगा दिया और महिला को इलाज के लिए छतरपुर ले जाने के लिए कहने लगी। तभी महिला जेठानी के साथ बाथरुम करने गई। उसी समय महिला को अचानक प्रसव पीड़ा हुई महिला चीखने और चिल्लाने लगी। महिला के परिजन उसके पास पहुंचे। अंधेरे में देखा कि महिला को डिलीवरी हो चुकी थी। परिजन नर्स को बुलाने गए। हालांकि, नर्स ने आने से इनकार कर दिया। परिवार के लोगों ने 10 मिनट तक नर्स एवं स्टाफ को मानते रहे। लेकिन मौके पर कोई नहीं पहुंचा। बाथरूम में नवजात बच्चे की मौत हो गई। रविवार की सुबह परिजन ईसानगर थाने में शिकायत करने के लिए पहुचे। थाना पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी। बालकिशुन आदिवासी ने बताया कि रात में 11 बजे मेरी पत्नी की डिलीवरी होनी थी। जिसे इलाज के लिए ईशानगर अस्पताल लाए थे। मैडम ने कहा कि 2 हजार रुपए दो तभी आपकी डिलीवरी को हाथ लगाएंगे। तब मैंने मैडम के हाथ पांव जोडे लेकिन मैडम ने कहा यहां से भाग जाओ। तभी मेरी पत्नी को बाथरूम में डिलीवरी हो गई। मेरी पत्नी चिल्लाती रही। लेकिन किसी डॉक्टर और नर्स ने मदद नहीं की। परिवार के लोग पहुंचे उन्होंने देखा कि बच्ची के सिर में चोट है। कुछ समझ बाद नवजात बच्चे की मौत हो गई। सुबह हम लोग डॉक्टर की शिकायत करने के लिए थाने आए हैं। ताकि इस प्रकार की लापरवाही अन्य किसी के साथ ना हो सके। ईशानगर थाना प्रभारी किशोर कुमार पटेल ने बताया कि सलैया निवासी पीड़ित परिवार ने शिकायती आवेदन दिया है। जिसमें अस्पताल नर्स और चिकित्सकों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। मामले की जांच की जा रही है, जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल के आदेश पर ईशानगर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे सीएमएचओ आरपी गुप्ता और एसडीम छतरपुर अखिल राठौर मौके पर पहुंचे। जिसके बाद मामले की जांच पड़ताल करते हुए अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाई।