गायत्री प्रज्ञापीठ बरखेड़ा में गायत्री परिवार के सदस्यों का प्रशिक्षण सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें शामिल शांतिकुंज हरिद्वार के टोली नायक मोहन सिंह सिसोदिया ने दूसरों के कार्यों की प्रशंसा करने और आत्म प्रशंसा से बचने की सलाह दी। उन्होंने गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं को प्रेम और आत्मीयता का एक गुलदस्ता बताते हुए आपस में प्यार की महक बांटने और व्यक्तिगत बुराइयों को नजरअंदाज करने का संदेश दिया।
शांतिकुंज हरिद्वार के दूसरे प्रतिनिधि प्रभाकर सोनाने ने संगठन को सशक्त बनाने और अपने निजी एवं पारवारिक दैनिक कार्यों के साथ समाज के अभिनव निर्माण के लिए समयदान करने और अपनी अजीविका का कुछ भाग लोक कल्याण के निमित्त लगाने की बात कही। उप जोन समन्वयक रघुनाथ प्रसाद हजारी ने वर्तमान समय को बहुत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इन दिनों प्रज्ञावतार की चेतना मानवता के प्रतिकूल हुई। विश्व की परिस्थितियों को उलटकर अनुकूल एवं सुखद वातावरण का तानाबाना बनाकर राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए भावनाशीलों को आव्हान कर रही है। हममें से प्रत्येक को इस विशेष अलभ्य अवसर का लाभ लेने के लिए आगे आना चाहिए। प्रज्ञापीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी शिवनारायण राजपूत ने बताया कि कार्यक्रम में जिलेभर से 3 तहसील समन्वयक, 11 चेतना केंद्र प्रभारियों से समूह चर्चाकर मातृशक्ति जन्म शताब्दी 2026 तक जिले के प्रत्येक गांव में पहुंचने और गायत्री परिवार की सतसूत्रीय योजनाओं से जन-जन से जोड़ने के लक्ष्य निर्धारित किए गए। इस अवसर पर भोपाल जिले प्रत्येक गांव से आए 250 कार्यकर्ताओं ने मिशन की योजनाओं में सक्रिय भागीदारी का संकल्प लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल जिला समन्वयक अशोक सक्सेना की अगुआई में सम्पन्न हुआ। आभार सीएल चौरासे ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में युवा प्रकोष्ठ द्वारा 2 सितंबर को शक्तिपीठ एमपी नगर में आयोजित होने वाले उप जोन स्तरीय युवा प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए युवाओं का आव्हान किया।