शिवपुरी जिले के पोहरी अनुविभाग के छर्च गांव में 16 अगस्त को एक 18 वर्षीय युवती की मौत झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से हो गई थी। मामले में आज (रविवार) स्वास्थ्य विभाग की टीम ने झोलाछाप डॉक्टर की क्लिनिक को सील कर दिया। बता दें कि छर्च गांव में झोलाछाप डॉक्टर नरेंद्र धाकड़ कपड़े की दुकान के नाम लिखे बोर्ड तले फर्जी तरीके से क्लिनिक संचालित कर रहा था। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पवन जैन ने जिले से गठित टीम में बीएमओ डॉ दीक्षांत गुधेनिया के नेतृत्व में मेडिकल ऑफिसर डॉ शिव प्रताप अग्रवाल, स्टाफ नर्स अरुणा पटेल और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त दल द्वारा की गई छापामार कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा है कि प्रमुख खंड चिकित्सा अधिकारी पोहरी द्वारा जांच प्रतिवेदन सौंपा है। जिसके आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पोहरी विकासखंड के ग्राम छर्च निवासी नत्था रजक की 18 बर्षीय बेटी अक्की रजक की उपचार के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। बच्ची को जिला अस्पताल लाने से छर्च के झोलाछाप डॉक्टर नरेंद्र धाकड़ से 2 घण्टे उपचार कराया था। युवती को समय पर उचित उपचार न मिल पाने की संभावना के चलते उसकी मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद स्वास्थ्य महकमे की संयुक्त टीम ने ग्राम छर्च में चिकित्सकीय उपचार करने वाली एक दुकान पर छापामार कार्रवाई की। टीम के पहुंचने पर दुकान खुली मिली लेकिन झोलाछाप डॉक्टर टीम को देख भाग खड़ा हुआ। जहां सम्बन्धित मकान मालिक से फोन लगवाया गया लेकिन किसी के द्वारा फोन रिसीव नहीं हुआ। जिसके बाद बीएमओ के नेतृत्व में छापेमारी की लिए पहुंची। जिले से गठित टीम ने उपस्थित ग्रामीणों के बयान लिए तथा झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक को सील करने की कार्रवाई की।