भोपाल, ग्वालियर समेत 21 जिलों में बारिश का कोटा फुल:एमपी में अच्छा बरसा अगस्त, 92% बारिश हुई; 3.1 इंच पानी की और जरूरत

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अबकी बार मानसून उम्मीदों पर खरा उतरा है। 70 दिन में ही भोपाल-ग्वालियर समेत 21 जिलों में सामान्य बारिश का कोटा फुल हो गया। इनमें 14 जिले तो ऐसे हैं, जहां 100% से ज्यादा पानी गिर गया है। श्योपुर में सबसे ज्यादा 157% बारिश हुई, जबकि रीवा में सिर्फ 57% पानी गिरा। जुलाई की तरह अगस्त में मानसून अच्छा बरसा है। कोटे से 10% बारिश ज्यादा हुई। सितंबर में सिर्फ 3.1 इंच पानी गिरते ही सामान्य बारिश का आंकड़ा पूरा हो जाएगा। प्रदेश में 1 जून से 31 अगस्त तक ओवरऑल 34.2 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि अब तक 30.8 इंच बारिश होनी चाहिए थी। अगस्त में 14.5 इंच पानी गिरा है। यह कोटे से डेढ़ इंच ज्यादा है। अगस्त में औसत 13.1 इंच बारिश होती है। इस बार करीब 25 दिन बारिश हुई। इसकी वजह से प्रदेश के सभी डैम और तालाब फुल हो गए। नदियां उफान पर आ गईं। अगस्त में अच्छी बारिश की वजह अगस्त के शुरुआती 3 दिन तक पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चला। इसके बाद तेज बारिश तो थम गई, लेकिन हल्की बारिश का दौर बना रहा। दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में तीखी गर्मी भी रही। आखिरी दिनों में फिर से स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हुआ। लो प्रेशर एरिया, साइक्लोनिक सर्कुलेशन, वेस्टर्न डिस्टरबेंस और मानसून ट्रफ की एक्टिविटी की वजह से तेज बारिश होने लगी। जुलाई-अगस्त में ही 75% पानी गिरा इस बार जुलाई और अगस्त में 75 प्रतिशत तक पानी गिर गया। जुलाई में 14.27 इंच बारिश हुई। यह कोटे से 1.78 इंच ज्यादा रही। अगस्त में 14.50 इंच बारिश हुई, जो डेढ़ इंच अधिक रही। हालांकि, इंदौर और उज्जैन जैसे कई बड़े जिले बारिश के मामले में पिछड़े हुए हैं। यहां सामान्य बारिश का आंकड़ा पार नहीं हो सका है, लेकिन सितंबर में कोटा फुल होने का अनुमान है। आंकड़ों में जानिए, एमपी में बारिश की तस्वीर… 21 जून को एंटर हुआ था मानसून एमपी में 15 जून तक मानसून दस्तक दे देता है। अबकी बार यह 21 जून को आया और 7 दिन में ही (27 जून तक) पूरे प्रदेश में छा गया। इससे पहले प्री-मानसून भी एक्टिव रहा। जून में भी कोटे के बराबर बारिश हुई थी, लेकिन जुलाई में कोटे से ज्यादा पानी गिर गया। ऐसा ही अगस्त में भी रहा। अब तक की स्थिति में 11% बारिश अधिक हुई है। जानिए, बड़े शहरों में क्या रही तस्वीर भोपाल में पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2015, 2016, 2020 और 2022 में तो आंकड़ा 20 इंच से ज्यादा ही रहा। 2023 में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। 30 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी। इस बार 15 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इससे बड़ा तालाब, केरवा-कलियासोत डैम छलक उठे थे। दूसरी ओर, भोपाल के पास कोलार डैम के भी सभी गेट खुल गए थे। अबकी बार कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी बने। यहां सीजन की 109% तक बारिश हो चुकी है। इंदौर में भी पिछले कुछ सालों में अगस्त में अच्छी बारिश हुई है। 2014 से 2023 के बीच पांच साल आंकड़ा 10 इंच से कम रहा था। पिछले साल 2.71 इंच पानी ही गिरा था, जबकि इस बार 9.43 इंच बारिश हो चुकी है। वहीं, सीजन में कुल 73% यानी 25 इंच पानी गिर चुका है। जबलपुर आंकड़ों के लिहाज से बेहतर है। इस बार अगस्त में 14.65 इंच पानी गिर गया। पिछले साल भी यहां 22 इंच बारिश हुई थी। 2013 में तो आंकड़ा 34 इंच के पार पहुंच गया था। यहां 2021 ही ऐसा रहा, जब 30 इंच से ज्यादा बारिश हुई। जबलपुर संभाग के मंडला जिले में अबकी बार सबसे ज्यादा पानी गिरा है। डिंडौरी, सिवनी, छिंदवाड़ा, कटनी में भी अच्छी बरसात हुई है। ग्वालियर में इस बार अच्छी बारिश हुई है। 12 इंच से ज्यादा पानी गिर गया। इससे सीजन में बारिश का आंकड़ा 28 इंच से ज्यादा है, जो 98% तक है। पिछले साल अगस्त में सिर्फ 6.85 इंच पानी ही गिरा था। यानी, इस बार दोगुनी बारिश हो चुकी है।