पहली बार सभी बड़ी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन खुरैरी तालाब में होगा। दो फीट से छोटी प्रतिमाएं कटोराताल के छोटे कुंड व हुरावली में मुरार नदी पर अस्थायी कुंड में विसर्जित होंगी। घरों में स्थापित प्रतिमाएं लेने नगर निगम व सामाजिक संस्थाओं के वाहन गली-मोहल्लों में पहुंचेंगे। बाद में इन्हें शहर से दूर जलाशयों में विधि विधान के साथ विसर्जित किया जाएगा। यह बात कलेक्टर रुचिका चौहान ने शांति समिति की बैठक में कही। इस बैठक में शांति समिति के सदस्यों ने कहा कि वर्तमान में शहर की सड़कों पर गड्ढे हैं, गणेश प्रतिमाएं पंडाल तक लाने में भी दिक्कत होगी। कलेक्टर ने निगम आयुक्त से कहा कि वे पैच रिपेयरिंग कराएं। सागरताल में चल रहे सौंदर्यीकरण के काम की वजह से इन दिनों वह खाली है। हर साल यहीं पर गणेश व दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होता रहा है। पहली बार प्रशासन को विकल्प के तौर पर खुरैरी के तालाब में विसर्जन की व्यवस्था करनी पड़ रही है। चूंकि यहां पर घाट नहीं है, पानी ज्यादा है, इसलिए बैठक में तय हुआ कि होमगार्ड के गोताखोर विसर्जन के वक्त मौजूद रहेंगे। सभी स्थानों पर एक-एक बोट भी रहेगी। खुरैरी तालाब तक पहुंचने वाले दोनों रास्तों को भी निगम सही कराएगा और अन्य व्यवस्थाएं भी करेगा।
जानिए… मुरार क्षेत्र के खुरैरी कैसे पहुंच सकते हैं
खुरैरी तक पहुंचने के तीन रास्ते, खुरैरी वर्ड पार्क तालाब की लश्कर व हजीरा के अलग-अलग क्षेत्रों से दूरी लगभग 10 से 12 किमी है। मुरार क्षेत्र से यहां तक पहुंचने के तीन मुख्य रास्ते हैं। हुरावली तिराहे से मोहनपुर होकर हाइवे से बायीं तरफ होकर, सात नंबर चौराहा से छावनी क्षेत्र होते हुए भी तालाब तक पहुंचा जा सकता है। इस रास्ते में स्पीड ब्रेकर अधिक हैं। मुरार के छह नंबर चौराहा से गौशाला वाले रास्ते से भी खुरैरी तालाब तक पहुंचा जा सकता है। यहां पर तालाब के बीच में पहुंचकर प्रतिमा विसर्जन के लिए प्रशासन को व्यवस्था करनी होगी। ट्रैफिक, बिजली, डीजे आदि पर भी हुई चर्चा