50 साल पहले प्रूफ रेंज से हटाए आदिवासी परिवारों के सिरघाट के पास जंगल में डेरा डालने और उनके विरोध प्रदर्शन के बाद शनिवार को घोड़ाडोंगरी विधायक गंगा बाई और कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने विस्थापित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने विस्थापित परिवारों की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। इस बीच सीपीई ने एक पत्र जारी कर प्रूफ रेंज के आसपास लोगो के आवाजाही न करने की चेतावनी भी जारी की है। शाहपुर ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम सीरघाट रैयत के कोयलारी जंगल में लगभग 150 परिवार तंबू बनाकर रह रहे है। ये आदिवासी परिवार तीन दिन। पहले बैतूल पहुंचे थे। उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उनके विस्थापन की मांग की थी। हालाकि इसके पहले ग्राम कोयलारी के ग्रामीणों ने भी पूर्व में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कोयलारी के जंगल में बसे करीब 150 परिवारों को हटाए जाने की मांग की गई थी। विस्थापित परिवारों और ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने और समाधान के लिए कलेक्टर कोयलारी के जंगल पहुंचे। विस्थापित ग्रामीणों के साथ बातचीत की और उनके पक्ष को समझने के लिए पुराने कागजों को देखा। कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने वन विभाग के एसडीओ को विस्थापित परिवारों के दस्तावेजों को एकत्रित किए जाने के निर्देश दिए। बता दें कि दैनिक भास्कर ने विस्थापित आदिवासी परिवारों का यह मुद्दा प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जंगल में तंबू तानकर रहने लगे आदिवासी परिवार। यह खबर भी पढ़ें… जंगल में तंबू तानकर रहने लगे आदिवासी परिवार बैतूल के सिरघाट के 70 वर्षीय सोमा आज भी वह दिन याद करके सिहर उठते हैं। उनके साथ बैठे चतुर सिंह भी उस समय बच्चे ही थे। जब प्रूफ रेंज बनाने के लिए उनके गांव को खाली करा दिया गया था। तब ये लेकर अब तक ये दर-दर भटकने को मजबूर हैं। पूरी खबर पढ़ें…