शासकीय शिक्षक संगठन मप्र ने मुख्यमंत्री से की मांग:शिक्षकों ने कहा-अतिशेष शिक्षकों के समायोजन की नीति बनाने वालों पर हो कार्यवाही

Uncategorized

अतिशेष शिक्षक समायोजन प्रक्रिया से नाराज चल रहे शिक्षकों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से नीति निर्धारक अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा कि विसंगतिपूर्ण अतिशेष प्रक्रिया के नाम पर प्रदेशभर के शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। कार्यवाही से पहले इस पर रोक लगाई जाए। शासकीय शिक्षक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेन्द्र कौशल का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग में माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में विषयवार पद स्वीकृत हैं और स्वीकृत पदों के विरूद्ध शिक्षकों की स्कूलों में पदस्थापना होती है, तो अतिशेष शिक्षक कहां से आ गए। यही नीति निर्धारक अधिकारी हैं जो स्कूलों में स्वीकृत पद से अधिक शिक्षकों की पदस्थापना कर देते हैं और बाद में उन्हें अतिशेष कहकर हटाया जाता है। समयोजन के नाम पर परेशान किया जाता है। कौशल कहते हैं कि राजनीतिक और अन्य पहुंच के बल पर तबादला कराकर पसंदीदा स्कूल में पहुंचने वाले जूनियर शिक्षक अतिशेष शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया के दौरान कब सीनियर हो जाते हैं पता ही नहीं चलता। स्कूलों में विषयवार पद स्वीकृत हैं, सभी पद पहले से भरे हैं, जब रिक्त पद ही नहीं है, तो शिक्षक को पदस्थ ही क्यों किया जाता है और जब शिक्षक पदस्थ कर दिया, तो अतिशेष सीनियर शिक्षक कैसे हो जाता है। बाद में पदस्थ हुए शिक्षक को अतिशेष की श्रेणी से मुक्त क्यों रखा जाता है। ऐसे निर्णयों के कारण ही अतिशेष की स्थिति निर्मित हुई। संगठन ने कहा कि सबसे पहले सरकार को स्कूल शिक्षा विभाग के ऐसे अधिकारियों को चिंहित करना चाहिए जिनके कारण विभाग में विसंगति की स्थिति बन रही है और पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रही है और शिक्षकों में सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है। विसंगतिपूर्ण योजनाओं और नीति निर्धारण करने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही होना चाहिए। जिससे भविष्य में शिक्षा विभाग में ऐसी स्थिति निर्मित ना हो, जिससे कि शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षकों को परेशान होना पडे़े।