बाल विवाह मुक्त भारत अभियान:छात्र बोले- न हम बाल विवाह करेंगे, न किसी को करने देंगे

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अहिंसा वेलफेयर सोसायटी, एक्सेस टू जस्टिस फ़ॉर चिल्ड्रन की टीम ने राजगढ़ जिले के चाटूखेडा गांव के हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्रों से बाल-श्रम, बाल विवाह और बाल सुरक्षा के मुद्दों पर एक अहम संवाद आयोजित किया गया है। इस बातचीत के दौरान टीम ने बच्चों को उन कठिनाइयों और खतरे के बारे में बताया जो बाल-श्रम और बाल-विवाह की वजह से उत्पन्न होते हैं। उन्होंने बाल सुरक्षा के महत्व पर भी जोर दिया और बच्चों को उनके अधिकारों और संरक्षण की जानकारी दी। इस चर्चा में बच्चों की आंखों में चिंता और उम्मीद की झलक साफ नजर आ रही थी। उन्होंने अपने विचार और सवाल साझा किए, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि वे इन मुद्दों की गंभीरता को समझते हैं और बदलाव की उम्मीद रखते हैं। अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी की टीम ने उनके सवालों का जवाब देते हुए और उन्हें जागरूक करके, बच्चों को सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश दिया। इस बातचीत ने छात्रों को यह एहसास दिलाया कि वे अकेले नहीं हैं और उनके लिए एक सुनने वाला और समर्थन देने वाला समुदाय मौजूद है, जो उनके उज्जवल भविष्य के लिए काम कर रहा है। इस संवाद में छात्रों को बाल विवाह के नकारात्मक प्रभावों और इसके समाज पर पड़ने वाले दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। छात्रों को समझाया गया कि बाल विवाह न केवल कानूनी रूप से अवैध है। बल्कि यह बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक विकास पर भी गंभीर असर डालता है। उन्हें यह भी बताया गया कि बाल विवाह के चलते बच्चों को उनके अधिकारों और अवसरों से वंचित होना पड़ता है। इस चर्चा के अंत में छात्रों ने एक सामूहिक शपथ ली। वे न तो स्वयं बाल विवाह करेंगे और न ही किसी को ऐसा करने देंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे अपने और अपने समाज के बच्चों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने में सहायता करेंगे। जिससे एक सुनहरा भविष्य संभव हो सके। यह शपथ उनके सामूहिक संकल्प और समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाती है। यह आशा की जाती है कि उनके इस प्रयास से बाल सुरक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।