महाराज बाड़ा पर चप्पल खरीदने आईं 75 साल की तारादेवी माहोर से ठग महिला-पुरुष सोने के जेवर ठग ले गए। बंटी-बबली तर्ज पर दोनों ठगों ने बुजुर्ग को नोटों की गड्डी दिखाकर ललचाया, फिर गहने उतरवाए और लेकर भाग निकले। वारदात 26 अगस्त की है। कोतवाली पुलिस ने 3 दिन की जांच के बाद मामला दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि राजपूत कॉलोनी सिकंदर कंपू निवासी तारादेवी महाराज बाड़ा पर खरीदने आई थीं। बाई के बाजार में उन्हें महिला और उसके पुरुष साथी ने एटीएम का पता पूछा। पता बताकर वह आगे बढ़ीं, तभी दोनों ने उन्हें 500 रुपए के नोटों की गड्डी दिखाई। मदद के बहाने दोनों ने बुजुर्ग के गहने उतरवा कर अपने पास रख लिए और नकली नोटों की गड्डी थमाकर बोले- इसे घर जाकर खोलना। घर पहुंची बुजुर्ग ने बहू से रुमाल खुलवाया तो 500 रुपए के नीचे कागज निकले। यह देख बुजुर्ग थाने पहुंचकर पूरी कहानी पुलिस को बताई। 3 दिन जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। ठगने की 2 कहानी; कॉमन बात-नोटों के लालच में फंसाया बुजुर्ग को ठगने की 2कहानी सामने आ रही हैं। पहली में महिला-पुरुष ठग ने नकली नोटों की गड्डी से भरा रुमाल उनके हाथ में थमाया। फिर बुजुर्ग को चाय पिलाई। इस बीच उसके गहने उतरवा लिए और एक मंदिर के पास छोड़कर भाग निकले। दूसरी कहानी के मुताबिक ठगों ने नकली नोटों से भरा रुमाल थमाकर बोला कि वह बुजुर्ग की मदद करना चाहते हैं। अगर उन्हें यकीन नहीं है तो वह अपने गहने उतारकर उन्हें दे सकती हैं। रुपयों से भरा रुमाल भी अपने पास रख सकती हैं। दोनों कहानी में एक बात कॉमन है कि ठगों ने बुजुर्ग को नोट दिखाकर ललचाया। इसके बाद ठगी की है। 2 माह पहले ठगी करने वाले पुलिस की पकड़ से दूर
बाड़े पर 2 महीने पहले भी इस तरह की वारदात हो चुकी है। घर लौट रहीं सास-बहू को लालच में फंसाकर ठग सोने के गहने उतरवा ले गए थे। यह वारदात 30जुलाई के आसपास की है। ठग सास-बहू को पैदल पाटनकर बाजार तक लेकर गए और वहां गहने उतरवाने के बाद भाग गए। ठगी करने वाले ठग पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। वहीं एक दिन पहले डबरा में दंपती से ऐसी ही ठगी हुई। दोनों के घटना में ठगी का पैटर्न एक है। इसलिए पुलिस ने दोनों घटना के सीसीटीवी फुटेज निकालकर पड़ताल करेगी।