मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रदेशभर में राजस्व के पेंडिंग मामलों को हल करने के लिए महाअभियान शुरू किया गया। भोपाल में पटवारी, आरआई और तहसीलदारों के इस काम को गंभीरता से नहीं लेने पर कलेक्टर से लेकर कमिश्नर तक नाराजगी जता चुके। यहां तक कि कोलार की पटवारी प्रीति गुप्ता को सस्पेंड तक किया गया। 50 से ज्यादा पटवारियों को नोटिस दिए गए, लेकिन पेंडिंग मामलों की स्थिति बहुत खराब है। नक्शा के मामले 23% और ई-केवाईसी के सिर्फ 27% का ही हल हा़े सका है। कोलार में तो 90% मामले पेंडिंग हैं। कोलार में 28 अगस्त की स्थिति में ई-केवाईसी के 22 हजार में से 19 हजार और नक्शा के 18 हजार मामले पेंडिंग हैं। हुजूर में ई-केवाईसी के 79% और नक्शा के 89% मामले पेंडिंग हैं। बैरसिया में दोनों 60% मामले पेंडिंग चल रहे हैं। इसका असर यह हुआ की भोपाल 28वें पायदान पर है। अभी की स्थिति में भोपाल में नक्शा के 1.62 लाख और ई-केवाईसी के 2.48 लाख मामले पेंडिंग हैं।