मुरैना जिले में अतिशेष शिक्षकों का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में पद संख्या कम है लेकिन शिक्षक उससे कहीं अधिक है। कारण यह है कि अधिकांश शिक्षकों ने अपना अटैचमेंट दूसरे विभागों में करा रखा है। हालत यह है कि जिले में 430 अतिशेष शिक्षक निकल आए हैं लेकिन जिले में जगह बहुत कम है। अब ऐसी स्थिति में अतिशेष शिक्षकों को कहां पदस्थ किया जाएगा, यह एक बड़ा सवाल बन गया है। बता दें, कि मुरैना जिले में शिक्षकों ने नेताओं व अधिकारियों से जुगाड़ लगवाकर अपनी दूसरे विभागों में पदस्थी करवा ली। कोई बाबू बन गया तो कोई साहब का असिस्टेंट। दर्जनों की संख्या में तो शिक्षक डीईओ कार्यालय में अटैचमेंट कराकर पदस्थ हो गए। जिन स्कूलों में 6 शिक्षकों के पद हैं वहां 24 शिक्षक पदस्थ हैं। जिन स्कूलों में 3 शिक्षकों के पद रिक्त हैं वहां 12 शिक्षक पदस्थ हैं। कुल मिलाकर यह घपला एक दो साल का नहीं बल्कि दसियों साल का है। जिसकी जैसी जुगाड़, वैसी उसने मनमानी जगह पोस्टिंग करा ली। अब जब डीपीआई ने काउंसलिंग कराई तो पूरे जिले में 430 अतिशेष शिक्षक निकल पड़े, जिनकी सूची डीपीआई ने जारी कर दी। अब जो अतिशेष शिक्षक हैं वह अपनी पदस्थापना के लिए भटक रहे हैं। एक्सीलेंस स्कूल में सुबह से लगी भीड़ शहर के एकमात्र एक्सीलेंस स्कूल में सुबह से ही शिक्षकों का पहुंचना शुरु हो गया। टेंटरा से लेकर पोरसा तक के अतिशेष घोषित शिक्षक स्कूल में एकत्रित हो गए। कोई 90 किलोमीटर दूर से आया है तो कोई 100 किलोमीटर दूर से। जिन शिक्षकों को सही-सलामत पास के स्कूल में जगह मिल गई तो उनके चहरों पर खुशी का भाव था तथा जिन्हें नहीं मिला वे अभी भी मुंह लटकाए लटके हुए हैं। रात 12 बजे तक खुल रहा कार्यालय अतिशेष शिक्षकों की पदस्थी को लेकर जब जिलाशिक्षाधिकारी एके पाठक से बात की तो उनका कहना है कि पिछले तीन दिन से रात 12 बजे तक कार्यालय खोलकर अतिशेष शिक्षकों की पदस्थी की जा रही है। जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा।