नरसिंहपुर जिले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश डॉ. अंजली पारे के न्यायालय ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी विष्णु प्रसाद उर्फ उमेंद्र चौधरी (जाटव), उम्र 31 वर्ष, निवासी ग्राम पिपरिया, थाना कोतवाली नरसिंहपुर को दोषी मानते हुए 20 वर्ष का सश्रम कारावास और 20,000/- रुपये का जुर्माना तथा अलग धाराओं में 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 5,000/- रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई। घटना की जानकारी देते हुए जिला अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि 7 मार्च को पीड़ित बालिका अपने घर में खेल रही थी, उसके पड़ोस की काकी ने मेडिकल से दवा लाने के लिए बुलाया। बालिका पैसे लेकर मेडिकल जाने लगी तभी आरोपी ने उसे मेडिकल चलने के लिए कहा। आरोपी ने बालिका को बाइक पर बैठाकर मेडिकल की जगह खेत की ओर ले गया। वहां, उसने बालिका को आम के पेड़ के पास पत्तों पर लेटा दिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बालिका के चिल्लाने पर आरोपी ने उसका मुंह बंद कर दिया और उसे घर से कुछ दूरी पर छोड़ दिया, साथ ही धमकी दी कि यदि उसने घटना के बारे में बताया तो उसे जान से मार डालेगा। पीड़ित बालिका की रिपोर्ट पर गाडरवारा पुलिस स्टेशन में अपराध क्रमांक 195/2024 दर्ज किया गया। धारा 363, 366ए, 376, 376एबी, 376(2)(च), 506 भा.दं.वि. एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(द)/6, 5(उ)/6 के अंतर्गत मामला पंजीबद्ध किया गया। प्रभारी उपसंचालक अभियोजन/जिला लोक अभियोजन अधिकारी नरसिंहपुर के मार्गदर्शन में, विशेष लोक अभियोजक संगीता दुबे ने प्रभावशाली पैरवी की। अभियोजन ने अभियुक्त के खिलाफ प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों, दादी और पिता के बयान, चिकित्सीय रिपोर्ट और डी.एन.ए. रिपोर्ट को आधार मानते हुए दोषसिद्धि पाकर न्यायालय ने मामले को जघन्य मानते हुए आरोपी को सजा सुनाई।