केंद्रीय जेल में गुरुवार को पहली बार एक खास सेशन आयोजित हुआ। यहां जाने-माने रिलेशनशिप कोच और इमोशनल इंटेलिजेंस एक्सपर्ट, विकास चौधरी ने कैदियों के लिए एक प्रभावी सेशन लिया। विकास चौधरी का लक्ष्य दुनिया को इमोशनल मैच्योरिटी के महत्व के बारे में समझाना और उनकी भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करना है। हर साल लगभग 70% से 80% क्राइम या पारिवारिक कलह इमोशनल इंटेलिजेंस की कमी के कारण हो रहे हैं। आजकल समाज में भावनात्मक अस्थिरता की वजह से बढ़ते डिवोर्स, घरेलू हिंसा और रिश्तों में दरारों की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 70% से 80% क्राइम या पारिवारिक समस्याएं इमोशनल इंटेलिजेंस की कमी के कारण होती हैं। इस प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए सभी को इमोशनल इंटेलिजेंस को समझने और अपने जीवन में लागू करने की आवश्यकता है। विकास चौधरी पिछले 8 सालों से इमोशनल इंटेलिजेंस और रिलेशनशिप कोच के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वह दुनिया भर में हजारों कपल्स को अपने सेशंस से उनके रिश्ते सुधारने में मदद कर चुके है। उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर कैदियों को भावनात्मक स्थिरता प्राप्त करने के तरीके सिखाए। यह सेशन इसलिए जरूरी है क्योंकि भावनात्मक अस्थिरता का सामना केवल कैदियों को ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को करना पड़ रहा है। विकास चौधरी ने वहां उपस्थित लोगों के साथ इंटरएक्टिव चर्चाओं और व्यावहारिक अभ्यासों के माध्यम से उनकी भावनाओं को समझने और उन्हें नियंत्रित करने के तरीके सिखाए। उन्होंने सभी को आत्म-जागरूकता, आत्म-नियंत्रण, सहानुभूति और सामाजिक कौशल के महत्व के बारे में बताया। जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा – लोग अक्सर भावनात्मक रूप से अस्थिर होते हैं, और ऐसे सेशन उन्हें उनकी भावनाओं को बेहतर समझने में मदद करते हैं। इमोशनल इंटेलिजेंस एक महत्वपूर्ण कौशल है, जो उन्हें अपनी सजा काटने के बाद समाज में पुनः समाहित होने में मदद कर सकता है।