रतलाम में कॉलेज छात्रा को ब्लैकमेलिंग करने वाले आरोपी आरोपी नमनराज सिसोदिया ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आरोपी ने युवती को पिता को फोटो दिखाने के नाम पर धमकी देकर ज्वेलरी व रुपए की मांग की थी। इससे तनाव में आकर युवती ने सुसाइड की कोशिश की थी। आरोपी का एक ओर साथी आयुष पंवार अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है। माणकचौक थाने में युवती (20) ने 2 माह पूर्व रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया कि मैं ग्रेजुएशन कर रही हूं। 2022 में मैं एक कोचिंग सेंटर पर जाती थी। यहां मेरी एक सहेली भी आती थी। सहेली ने उसके दोस्त नमनराज सिसोदिया से मिलाया। हमारी बातचीत होने लगी। मैं जब नमन से ज्यादा बात नहीं करती तो वह जबरदस्ती बात करने की कोशिश करता। रोज पीछा करता। एक दिन मैं सहेली के साथ कॉफी पीने एक शॉप पर गई। नमन यहां भी आ गया। मेरी सहेली चली गई। तभी नमन ने मेरे कुछ फोटो ले लिए। मैंने नमन से पूरी तरह से कॉन्टैक्ट खत्म कर दिया। करीब 6 माह बाद एक दिन नमन का कॉल आया। उसने कहा कि मेरे पास तेरे फोटो हैं। कैश और ज्वेलरी लाकर दे दे वरना वायरल कर देंगे। मैंने मना किया तो उसने पिता को बताने की धमकी दी। तब से नमनराज सिसोदिया और उसका दोस्त आयुष पंवार दोनों रुपए की मांग कर परेशान करने लगे। 2023 में नमन और आयुष को 5 हजार रुपए दिए, लेकिन दोनों दोबारा पैसों की मांग करने लगे। 10 हजार रुपए या ज्वेलरी लाकर देने के लिए कहने लगे। मना करने पर नमन ने कोचिंग क्लास के पास मुझे थप्पड़ मारे। जान से मारने की धमकी दी। सुसाइड की कोशिश की युवती ने रिपोर्ट में बताया कि नमन और आयुष रोज पीछा करते और धमकी देते कि हम दोनों से बात किया कर। पैसा दिया कर, नहीं तो तेरे पिता को फोटो दे देंगे। मुझे और पिता को जान से मारने की धमकी देते। कभी-कभी दोनों घर के बाहर आकर खड़े हो जाते थे। मैं बहुत डर गई थी, इसलिए घर में किसी को कुछ नहीं बताया। 21 जून 2024 को नमन ने कॉल कर फिर से रुपए और ज्वेलरी की मांग की। नहीं देने पर पिता को जान से खत्म करने की धमकी दी। मैं बहुत परेशान हो गई। घर में रखी फिनाइल की गोलियां खाकर सुसाइड की कोशिश की। समय रहते परिजनों को पता चला गया और अस्पताल ले जाकर इलाज कराया। पांच हजार का इनाम भी घोषित हुआ उक्त दोनों आरोपियों की गिरफ्तार को लेकर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने 5-5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया। लेकिन पुलिस दो माह में इन्हें नहीं पकड़ पाई। आरोपी नमनराज की तरफ से दो बार हाई कोर्ट इंदौर में अग्रिम जमानत की कोशिश की भी की। लेकिन नहीं मिली।